टेरी ने क्लाउड-आधारित ओपन-सोर्स वेब-जीएसआई टूल विकसित किया-(19-MAR-2014) C.A

| Wednesday, March 19, 2014
द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) ने 13 मार्च 2014 को अपना सबसे पहला क्लाउड-आधारित ओपन-सोर्स वेब-जीएसआई टूल विकसित किया. इस टूल का विकास भारतीय शहरों में छतों (रूफटॉप) पर सौर ऊर्जा की संभावनाओं का अनुमान लगाने के लिए किया गया.
वेब-जीएसआई टूल के विकास को निम्नलिखित का सहयोग प्राप्त था-
शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन (एसएसईएफ) 
चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रोमोशन सोसायटी (क्रेस्ट) 
•  नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) 
•  भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई)  
•  कन्फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्री (सीआईआई)   
वेब-जीएसआई टूल की कुछ मुख्य बातें
यह किसी विशेष लोकेशन के लिए रूफटॉप फोटोवोल्टेइक (पीवी) सिस्टम रखने का पूर्व-संभाव्यता आकलन करने के लिए निर्णय सहायता प्रणाली (डिसीजन सपोर्ट सिस्टम/डीएसएस) के रूप में कार्य करेगा.
यह किसी दी गई लोकेशन के लिए सोलर रूफटॉप रूट के माध्यम से संभावित ग्रीन-हाउस गैस (जीएसजी) न्यूनीकरण का अनुमान लगाने में यूजर्स की सहायता करेगा.
वेब-जीएसआई टूल पहले चंडीगढ़ में लांच किया जाएगा और फिर अन्य शहरों में. सरकार नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन के लिए निजी क्षेत्र को पहले से सब्सिडीज उपलब्ध करा रही थी.
यदि अंतरराष्ट्रीय प्रवृत्तियों के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए, तो जर्मनी विश्व के उन देशों में से एक है, जो अपनी 25 प्रतिशत ऊर्जा सौर ऊर्जा के रूप में उत्पन्न कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त, अन्य अनेक देश पर्यावरण के हित में नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश कर रहे हैं. इस कार्य से ऊर्जा के उत्पादन की लागत घटाने में भी मदद मिलती है. 
टेरी के बारे में
टेरी की स्थापना 1974 में ऊर्जा, पर्यावरण और वहनीय विकास के क्षेत्रों में शोध-कार्यों के लिए की गई थी.


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