जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी (जीईएसी) ने 21 मार्च 2014 को गेहूं, चावल,
मक्का, कपास और चारा की अनुवांशिक रूप से
संशोधित (जीएम) दस प्रजातियों को फिल्ड ट्रायल्स के लिए दुबारा सत्यापित किया.
ऐसा राज्य सरकारों द्वारा फील्ड ट्रायल की अनुमति नहीं
दिए जाने के कारण जीएम फसलों की प्रजातियों की वैधता अवधि समाप्त हो जाने के कारण
किया जाना आवश्यक था. इन प्रजातियों को फील्ड ट्रायल की अनुमति जीईएसी ने 2011
और 2012 दी थी.
समिति ने इन प्रजातियों के लिए बहुराष्ट्रीय
कंपनियों को सीमित फील्ड ट्रायल की
अनुमति दे दी है. जो कंपनियां सीमित फील्ड ट्रायल करना
चाहती हैं उन्हें पहले संबंधित राज्य सरकारों से अनुमोदन लेना होगा क्योंकि
संवैधानिक प्रावधान के अनुसार कृषि राज्य का विषय होता है.
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय में अपर सचिव हेम
पांडे की अध्यक्षता में हुई जीईएसी की बैठक में किसी नए मामले पर निर्णय नहीं लिया
गया. इन ट्रायलों को मिली अनुमति जो कि चुनावों से कुछ समय पहले ही दी गई है, ने जीएम फसल प्रौद्योगिकी वाले प्रमुख भारतीय और अंतरराष्ट्रीय प्रमोटरों
के लिए आशा की किरण पैदा की है.
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