पुस्तक "ए ट्रेन टू पाकिस्तान" के लेखक एवं
पद्मविभूषण से सम्मानित खुशवंत सिंह का नई दिल्ली में 20 मार्च 2014 को निधन हो गया. वह 99 वर्ष के थे.
खुशवंत सिंह से सम्बंधित
मुख्य तथ्य
• खुशवंत सिंह एक पत्रकार, लेखक, उपन्यासकार और इतिहासकार थे.
• उत्तर उपनिवेशवादी लेखक, खुशवंत सिंह को अपनी धर्मनिरपेक्षता, बुद्धि और कविता के लिए एक गहरी जुनून के लिए जाना जाता है.
• खुशवंत सिंह की पुस्तक 'ए ट्रेन टू पाकिस्तान' वर्ष 1956 में प्रकाशित हुई.
• खुशवंत सिंह को देश की सेवा के लिए वर्ष 1974 में पद्म भूषण पुरस्कार से और वर्ष 2007 में पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित किया.
• वर्ष 1984 में स्वर्ण मंदिर में सेना के प्रवेश के विरोध में उन्होंने पद्म भूषण सम्मान लौटा दिया था.
• खुशवंत सिंह ने भारत सरकार` के `विदेश मन्त्रालय` में विदेश सेवा के सम्माननीय पद पर भी कार्य किया.
• पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार की ओर से खुशवंत सिंह को वर्ष 1980 से 86 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था.
• खुशवंत सिंह को वर्ष 2000 में `वर्ष का ईमानदार व्यक्ति` सम्मान से सम्मानित किया गया.
• पत्रकार के तौर पर खुशवंत सिंह ने मुंबई से प्रकाशित प्रसिद्ध अंग्रेज़ी साप्ताहिक ‘इलस्ट्रेटेड वीकली आफ इंडिया’ का संपादन किया जिसका प्रकाशन अब बंद हो चुका है. इसके बाद वह ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ अखबार के भी संपादक रहे.
• उनका साप्ताहिक स्तम्भ ‘विद मैलिस टुवर्ड्स वन एंड ऑल’ काफी लोकप्रिय हुआ और कई समाचारपत्रों में छपता रहा.
• 1951 में वो आकाशवाणी से जुड़े थे और 1951 से 1953 तक भारत सरकार के पत्र 'योजना' का संपादन किया.
• 1983 तक दिल्ली के प्रमुख अंग्रेज़ी दैनिक 'हिन्दुस्तान टाइम्स' के संपादक भी वही थे. तभी से वो प्रति सप्ताह एक लोकप्रिय 'कॉलम' लिखते हैं, जो अनेक भाषाओं के दैनिक पत्रों में प्रकाशित होता है.
• उनके प्रमुख उपन्यास 'डेल्ही', 'ट्रेन टू पाकिस्तान', 'दि कंपनी ऑफ़ वूमन' और ‘आई शैल नाट हियर द नाइटिंगल’ है.
• उनकी पुस्तक ट्रेन टू पाकिस्तान पर फिल्म बनाई गई.
• दो खंडों में प्रकाशित 'सिक्खों का इतिहास' उनकी प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है.
खुशवंत सिंह का जीवन परिचय
खुशवंत सिंह का जन्म 2 फरवरी 1915 को हदाली में हुआ था, जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है. खुशवंत सिंह ने 'गवर्नमेंट कॉलेज', लाहौर और 'कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी' से शिक्षा ग्रहण किया. इसके बाद लंदन से ही क़ानून की डिग्री ली. उसके बाद तक वे लाहौर में वकालत करते रहे. खुशवंत सिंह का विवाह कंवल मलिक के साथ हुआ. इनके बेटे का नाम राहुल सिंह और पुत्री का नाम माला है.
• खुशवंत सिंह एक पत्रकार, लेखक, उपन्यासकार और इतिहासकार थे.
• उत्तर उपनिवेशवादी लेखक, खुशवंत सिंह को अपनी धर्मनिरपेक्षता, बुद्धि और कविता के लिए एक गहरी जुनून के लिए जाना जाता है.
• खुशवंत सिंह की पुस्तक 'ए ट्रेन टू पाकिस्तान' वर्ष 1956 में प्रकाशित हुई.
• खुशवंत सिंह को देश की सेवा के लिए वर्ष 1974 में पद्म भूषण पुरस्कार से और वर्ष 2007 में पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित किया.
• वर्ष 1984 में स्वर्ण मंदिर में सेना के प्रवेश के विरोध में उन्होंने पद्म भूषण सम्मान लौटा दिया था.
• खुशवंत सिंह ने भारत सरकार` के `विदेश मन्त्रालय` में विदेश सेवा के सम्माननीय पद पर भी कार्य किया.
• पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार की ओर से खुशवंत सिंह को वर्ष 1980 से 86 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था.
• खुशवंत सिंह को वर्ष 2000 में `वर्ष का ईमानदार व्यक्ति` सम्मान से सम्मानित किया गया.
• पत्रकार के तौर पर खुशवंत सिंह ने मुंबई से प्रकाशित प्रसिद्ध अंग्रेज़ी साप्ताहिक ‘इलस्ट्रेटेड वीकली आफ इंडिया’ का संपादन किया जिसका प्रकाशन अब बंद हो चुका है. इसके बाद वह ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ अखबार के भी संपादक रहे.
• उनका साप्ताहिक स्तम्भ ‘विद मैलिस टुवर्ड्स वन एंड ऑल’ काफी लोकप्रिय हुआ और कई समाचारपत्रों में छपता रहा.
• 1951 में वो आकाशवाणी से जुड़े थे और 1951 से 1953 तक भारत सरकार के पत्र 'योजना' का संपादन किया.
• 1983 तक दिल्ली के प्रमुख अंग्रेज़ी दैनिक 'हिन्दुस्तान टाइम्स' के संपादक भी वही थे. तभी से वो प्रति सप्ताह एक लोकप्रिय 'कॉलम' लिखते हैं, जो अनेक भाषाओं के दैनिक पत्रों में प्रकाशित होता है.
• उनके प्रमुख उपन्यास 'डेल्ही', 'ट्रेन टू पाकिस्तान', 'दि कंपनी ऑफ़ वूमन' और ‘आई शैल नाट हियर द नाइटिंगल’ है.
• उनकी पुस्तक ट्रेन टू पाकिस्तान पर फिल्म बनाई गई.
• दो खंडों में प्रकाशित 'सिक्खों का इतिहास' उनकी प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है.
खुशवंत सिंह का जीवन परिचय
खुशवंत सिंह का जन्म 2 फरवरी 1915 को हदाली में हुआ था, जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है. खुशवंत सिंह ने 'गवर्नमेंट कॉलेज', लाहौर और 'कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी' से शिक्षा ग्रहण किया. इसके बाद लंदन से ही क़ानून की डिग्री ली. उसके बाद तक वे लाहौर में वकालत करते रहे. खुशवंत सिंह का विवाह कंवल मलिक के साथ हुआ. इनके बेटे का नाम राहुल सिंह और पुत्री का नाम माला है.
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