भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 13 मार्च 2014
को व्यापार संबंधित विप्रेषण राशि की सीमा दो लाख बढ़ाकर पांच लाख
प्रति सौदा की. आरबीआई का यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होना है.
आरबीआई ने इसके इसके अतिरिक्त विनिमय कारोबारी संस्थानों के सौदों की
संख्या की सीमा को भी बढ़ा दिया है.
आरबीआई ने रुपया आहरण व्यवस्थापनों (Rupee
Drawing Arrangements, RDAs) के तहत अनुमति प्राप्त सौदों के
पुनरीक्षण के बाद कारोबारी सौदों की सीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया. इन परिवर्तनों
को रुपये के प्रारंभ तथा रख-रखाव हेतु निर्देशों के ज्ञापन/ गैर-नागरिक विनिमय
कारोबारी कंपनियों के विदेशी मुद्रा वॉस्त्रो खातों संबंधी ज्ञापन में शामिल कर
लिया गया है.
आरबीआई का यह कदम विनिमय कारोबारी कंपनियों द्वारा किये
जा रहे अत्यधिक सौदों एवं संचार सुविधाओं में इजाफे के मद्देनजर लिया गया. वर्ष 2009
में आरबीआई ने रुपये के प्रारंभ तथा रख-रखाव हेतु निर्देशों के
ज्ञापन/ गैर-नागरिक विनिमय कारोबारी कंपनियों के विदेशी मुद्रा वॉस्त्रो खातों
संबंधी मानकों का पुनर्गठन किया था.
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