वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार 2013-(23-MAR-2014) C.A

| Sunday, March 23, 2014
भौतिकशास्त्री राजेश गोपाकुमार का चयन वर्ष 2013 के वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार (जीडी बिड़ला पुरस्कार) के लिए किया गया. केके बिड़ला फाउंडेशन ने इनके चयन की घोषणा 21 मार्च 2014 को की. पुरस्कारों के क्रम में यह 23वां है. 22वां वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार प्रो. निबिर मंडल को वर्ष 2012 के लिए प्रदान किया गया था.

इस पुरस्कार के लिए राजेश गोपाकुमार का चयन क्वांटम फील्ड थ्योरी और स्ट्रिंग थ्योरी (Quantum Field Theory and String Theory) के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए किया गया.
 
राजेश गोपाकुमार इलाहाबाद में हरिश्चंद्र शोध संस्थान में सैद्धांतिक भौतिकशास्त्री हैं.
 
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार 
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार (GD Birla Award for Scientific Research) की स्थापना वर्ष 1991 में केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा की गई थी. इस पुरस्कार के तहत विजेता को डेढ़ लाख रुपए नकद व प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाता है.


वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाता है. यह पुरस्कार 50 वर्ष से कम आयु के भारतीय वैज्ञानिकों को उल्लेखनीय कार्यो को मान्यता देने के उद्देश्य से दिया जाता है.
जीडी बिड़ला पुरस्कार से सम्मानित अन्य वैज्ञानिक 

वर्ष 2012 का यह पुरस्कार प्रो. निबिर मंडल प्रदान किया गया था. प्रो. निबिर मंडल जाधवपुर विश्वविद्यालय के भूगर्भ विज्ञान विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं.  प्रो. निबिर मंडल को यह सम्मान संरचनात्मक भूविज्ञान एवं विवर्तनिकी के क्षेत्र में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए प्रदान किया गया. प्रो. निबिर मंडल एक भू-वैज्ञानिक हैं.

प्रथम वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार प्रो. आशीस दत्त को वर्ष 1991 में दिया गया था. यह पुरस्कार आरए माशेलकर, अशोक सेन, गोवर्धन मेहता और प्रो. तापस कुमार कुंडू को दिया जा चुका है.


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