वर्ष 2013 के वैज्ञानिक
अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार (जीडी बिड़ला पुरस्कार) के लिए राजेश
गोपाकुमार का चयन किया गया. इनके चयन की घोषणा 21 मार्च 2014
को की गई. क्रम में यह 23वां है. इस पुरस्कार
के लिए उनका चयन क्वांटम फील्ड थ्योरी और स्ट्रिंग थ्योरी (Quantum Field
Theory and String Theory) के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए
किया गया.
राजेश गोपाकुमार इलाहाबाद में हरिश्चंद्र शोध संस्थान में सैद्धांतिक भौतिकशास्त्री हैं. उन्हें वर्ष 2004 में बीएम बिड़ला साइंस प्राइज (B M Birla Science prize) और वर्ष 2013 में तीसरे वर्ल्ड अकादमी ऑफ़ साइंसेज अवार्ड (Third World Academy of Sciences Award) से सम्मानित किया गया.
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार (GD Birla Award for Scientific Research) की स्थापना वर्ष 1991 में केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा की गई थी.
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार के
अंतर्गत विजेता को डेढ़ लाख रुपए नकद व प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाता है. केके
बिड़ला फाउंडेशन की ओर से प्रतिवर्ष दिया जाने वाला यह पुरस्कार 50 वर्ष से कम आयु के भारतीय वैज्ञानिकों को उल्लेखनीय कार्यो को मान्यता
देने के उद्देश्य से दिया जाता है.
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