यूक्रेन ने 21 मार्च 2014
को यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ होने वाले बहुप्रतीक्षित एसोसिएशन
समझौते पर ब्रूसेल्स में हस्ताक्षर किया. समझौते पर हस्ताक्षर ब्रूसेल्स में चल
रहे ईयू शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेन के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अर्सेनी
यात्सेनीयुक, ईयू अध्यक्ष हर्मन वान रोमपूये ने किए. इस
समझौते से यूरोपीय संघ और यूक्रेन के बीच राजनीतिक और आर्थिक सहयोग के और मजबूत
होने की संभावना है.
इसके अलावा, यूरोपीय
आयोग कृषि वस्तुओं की विस्तृत श्रृंखला, कपड़ा और अन्य
आयातित वस्तुओं पर सीमा शुल्क को हटा कर यूक्रेन को लगभग 500 मिलियन यूरो का व्यापार लाभ देने पर भी सहमत हुआ है.
हालांकि, मुक्त व्यापार पर होने वाले समझौते पर हस्ताक्षर राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने और नई सरकार बनने के बाद ही होगा. 25 मई 2014 को यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं.
हालांकि, मुक्त व्यापार पर होने वाले समझौते पर हस्ताक्षर राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने और नई सरकार बनने के बाद ही होगा. 25 मई 2014 को यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं.
विश्लेषण
नवंबर 2013 में एसोसिएशन
समझौते का प्रस्ताव ईयू ने यूक्रेन को दिया था. हालांकि उस समय यूक्रेन के
तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने इसे खारिज कर दिया था. इसकी वजह से
यूक्रेन में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए और यानुकोविच को निर्वासित होकर रूस की
शरण में जाना पड़ा. हालांकि एसोसिएशन समझौते में यूक्रेन की बिखरी अर्थव्यवस्ता को
मजबूती प्रदान करने के लिए बहुत क्षमता है. लेकिन इसके साथ ही कुछ चुनौतियां भी
हैं जिससे यूक्रेन को निबटना होगा. चुनौतियों में शामिल हैं–
• रूस के जवाबी
कार्यवाही का जोखिम. रूस ने यूक्रेन के साथ होने वाले व्यापार पर पहले से ही सख्त
सीमा शुल्क निगरानी लगा रखी है.
• कानून और विधि व्यवस्था के नियमों में परिवर्तन.
• व्यापार और पर्यावरण मानकों को अपनाना.
• कानून और विधि व्यवस्था के नियमों में परिवर्तन.
• व्यापार और पर्यावरण मानकों को अपनाना.
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए यूक्रेन को कड़ी मेहनत
और लंबी अवधि वाले निवेश करने होगें.
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