अमेरिकी नियामक फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ने 14 मार्च 2014 को विश्व के 16 बड़े
बैंकों पर मुकदमा दायर कर दिया. नियामक ने कथित तौर पर लिबोर ब्याज दर से छेड़छाड़
का आरोप लगाया.
जिन बड़े बैंकों पर मुकदमा दायर किया गया उनमें शामिल हैं– बार्कलेज पीएलसी, एचएसबीसी, सीटीग्रप
और रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंज, यूबीएस और ब्रिटिश बैंकर्स एसोसिएशन
(बीबीए) एवं अन्य. इन वैश्विक बैंकों ने कुछ निश्चित ठेकों में हेराफेरी की और अलग
से लेबर दरों के लिए योजना बनाई. इन बैंकों की वजह से वाशिंगटन म्यूचुअल बैंक और
इंडीमैक बैंक के साथ 38 अन्य बैंकों को खासा नुकसान उठाना
पड़ा है.
लीबोर ब्याज दर
• लीबोर ब्याज दर वह
ब्याज दर होती है जिसपर कोई बैंक विपणन आकार में लंदन इंटरबैंक मार्केट में दूसरे
बैंकों से पैसा उधार लेते हैं. ब्रिटिश बैंकर्स एसोसिएशन ने लीबोर दर को दैनिक
आधार पर नियत कर रखा है.
• यह दुनिया भर में
अल्पकालिक ब्याज दरों के लिए सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाला बेंचमार्क है.
•
घर के लिए कर्ज से लेकर डेरिवेटिव्स के लिए लीबोर 550 ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक के वित्तीय उत्पादों का प्रधान सिद्धांत बन गया
है.
0 comments:
Post a Comment