जनवरी 2014 में एफडीआई का प्रवाह 1.5 प्रतिशत बढ़ा-(22-MAR-2014) C.A

| Saturday, March 22, 2014
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जनवरी 2014 में 1.5 प्रतिशत बढ़ कर 2.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई. जनवरी 2013 में यह 2.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी.  औद्योगिकी नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) द्वारा एफडीआई पर यह आंकड़े 20 मार्च 2014 को जारी किए गए.
हालांकि, अप्रैल 2013 से जनवरी 2014 के बीच एफडीआई के प्रवाह में 2 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी और यह 19.10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 18.74 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया था.
 
अन्य महत्वपूर्ण बातें 
वित्त वर्ष 2013– 14 के दौरान 26351 करोड़ रूपयों के साथ एफडीआई का सबसे ज्यादा प्रवाह सितंबर 2013 में हुआ था. इस वित्त वर्ष में अधिकतम एफडीआई का प्रवाह मॉरीशस से हुआ. कुल प्रवाह में मॉरीशस की भागीदारी 365887 करोड़ रूपयों यानि 37 प्रतिशत की रही. देश में 1010314 करोड़ रूपयों के एफडीआई का निवेश अप्रैल 2000 से जनवरी 2014 की अवधि के दौरान हुआ है. इस अवधि में मॉरीशस, सिंगापुर, यूके और नीदरलैंड्स ने सबसे ज्यादा निवेश किया.
 
वित्त वर्ष 2013– 14 में 10680 करोड़ रूपयों यानि कुल एफडीआई निवेश के 18 प्रतिशत हिस्से को सर्विस सेक्टर ने आकर्षित किया. इसके बाद सबसे ज्यादा निवेश बुनियादी ढांचा क्षेत्र और दूरसंचार क्षेत्र में किया गया है. 

सभी क्षेत्रों में होटल और पर्यटन क्षेत्र में 3 प्रतिशत यानि 2306 करोड़ रूपयों के साथ सबसे कम निवेश हुआ है. डीआईपीपी के वित्त वर्षवार आंकड़ों के मुताबिक साल 2011–12 के दौरान सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ है. इस दौरान 165146 करोड़ रूपयों के एफडीआई का निवेश हुआ था.
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाने के प्रयास में सरकार ने 2013 में निवेशकों के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कुछ गंभीर कदम उठाए थे . हालांकि कुछ मामलों में, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सेक्टोरल कैप में ढील दी और अन्यों में नियमों को आसान बनाया. 

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, कमोडिटी एक्सचेंज, पावर एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज जैसे क्षेत्रों में प्रवेश को स्वचालित किया गया है और दूसरसंचार के क्षेत्र में तो 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दे दी गई है.


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