भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 26 फ़रवरी 2014
को रुग्ण संपत्ति को पुनःसशक्त के लिए दिशा-निर्देश जारी किए. दिशा
निर्देशों के तहत रूपरेखा को प्रचालित करने के लिए संयुक्त ऋणदाता फोरम (जेएलएफ)
के गठन और सुधारात्मक कार्य योजना (सीएपी) का सुझाव दिया गया है.
दिशा-निर्देशों की मुख्य विशेषताएं
• एक ऋण खाते को एनपीए में बदलने से पहले बैंकों को खाते में विशेष उल्लेख खाता (एसएमए 1) श्रेणी के तहत तीन उप श्रेणियों बनाकर खाते में प्रारंभिक तनाव की पहचान करना आवश्यक हैं. एसएमए उप श्रेणियां
• एसएमए -0: खाता इस श्रेणी में तभी आएगा जब मूल या ब्याज भुगतान 30 से अधिक दिनों तक अतिदेय नहीं है लेकिन खाते में प्रारंभिक तनाव के लक्षण दिखते हैं.
• एसएमए -1: अगर मूल या ब्याज भुगतान 30 से 60 दिनों तक अतिदेय नहीं है.
• एसएमए -2: अगर मूल या ब्याज भुगतान 60 से 90 दिनों तक अतिदेय नहीं है.
• आरबीआई को उधारदाताओं के लिए क्रेडिट डेटा को एकत्रित, संचय और प्रसार करने के लिए बड़े क्रेडिट पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) स्थापित करना होगा.
• बैंकों को सलाह दी जाती है कि जब भी किसी उधारदाता द्वारा एसएमए -2 की तरह सीआरआईएलसी की सूचना दी जाती है तो उन्हे संयुक्त ऋणदाता फोरम (जेएलएफ) कहलाने वाली समिति का गठन करना चाहिए, अगर उधारदाताओं के उस खाते में कुल निवेश (एई) 1000 लाख रुपये से ऊपर है.
• आरबीआई प्रमोटरों द्वारा अपनी कंपनियों में अधिक इक्विटी के अर्क और कंपनी के टर्नअराउंड तक अपनी हिस्सेदारी का हस्तांतरण किसी सुरक्षा ट्रस्टी या एस्क्रो व्यवस्था में करने सुझाव देता है.
• भारतीय बैंक संघ (आईबीए) सभी उधारदाताओं द्वारा अपनाए जाने वाले जेएलएफ समझौते और परिचालन दिशा निर्देश तैयार करेंगे.
• 100 करोड़ रुपये से ऊपर एई वाले खातों में जेएलएफ का गठन और बाद की सुधारात्मक कार्रवाई अनिवार्य होगी जबकि अन्य मामलों में भी उधारदाताओं को बारीकी से संपत्ति की गुणवत्ता की निगरानी और प्रभावी समाधान के लिए सुधारात्मक कार्रवाई करनी होगी.
• 500 करोड़ रुपए के एई से ऊपर के खातों के लिए विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र मूल्यांकन समिति (आईईसी) द्वारा तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन और पुनर्गठन पैकेज का मूल्यांकन करना होगा.
• आईईसी को 30 दिनों के भीतर जेएलएफ को इन मामलों में अपनी सिफारिश देनी आवश्यक होगी.
• इसके बाद आईईसी की सिफारिशों पर विचार के बाद जेएलएफ द्वारा उधारदाताओं और ऋण लेने वाले के बीच पारस्परिक रूप से सभी नियम और सहमति शर्तों सहित पुनर्गठन, पुनर्गठन पैकेज के साथ आगे जाने का फैसला किया तो सभी ऋणदाता द्वारा अनुमोदित कर कार्यान्वयन के लिए अगले 15 दिनों के भीतर उधारकर्ता को सूचित किया जाना होता है.
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