प्रधानमंत्री कार्यालय ने 11 सितबंर 2014 को पर्यावरण क्षरण को रोकने के लिए मेघलय में खनिज संसाधनों की प्रणालीगत, वैज्ञानिक और योजनाबद्ध उपयोग की सुविधा के लिए एक छह सदस्यों की समिति गठित की.
समिति के अध्यक्ष मंत्रिमंडल सचिव होंगे और इसके अन्य सदस्य हैं– गृह सचिल, कोयला मंत्रालय के सचिव, खनन सचिव और मेघालय के मुख्य सचिव.
समिति का गठन मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के अनुरोध पर किया गया. जुलाई 2014 में मुकुल संगमा ने यह मामला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने रखा और एनजीटी द्वारा कोयले पर प्रतिबंध से निपटने के लिए राज्य सरकार को सलाह देने हेतु एक प्रख्यात संवैधानिक अधिवक्ता को अधिकृत किया.
पृष्ठभूमि
मेघालय की सरकार ने मेघालय खान एवं खनिज नीति को 2012 में मंजूरी दे दी थी लेकिन इसने नियम अभी भी बनाए जाने हैं और खनन की वजह से पर्यावरण को प्रभावित करना शुरु कर दिया है. अप्रैल 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा की वैधानिक जरूरत को पूरा करने के लिए संचालन की दृष्टि से सभी लंबित पड़े कोयला खान की गतिविधियों पर रोक लगा दी थी.
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