केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने 11 सितंबर 2014 को खराब होने वाले माल के सुचारू परिवहन के लिए रीफर वेहिकिल कॉल–इन–सेंट्र (आरवीसी) को लांच किया. आरवीसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर ढुलाई के दौरान आई बाधाओँ और उनके प्रकार का एक डाटाबेस बनाने की सुविधा प्रदान करेगा.
यह डाटाबेस उसके अभ्यास के दौरान मिलने वाली प्रतिक्रियाओं के आधार पर बनाया जाएगा जो कि बाधाओं को दूर करने वाली दीर्धकालिक योजनाओं और नीतियों को बनाने में मदद करेगी और इस प्रकार देश में खराब होने वाली वस्तुओँ की कीमतों में मुद्रास्फिति पर नियंत्रण किया जा सकेगा.
आरवीसी कृषि एवं सहयोग विभाग, नेशनल सेंटर फॉर कोल्ड– चेन डेवलपमेंट (एनसीसीडी) और महिन्द्रा लॉजिस्टिक्स का संयुक्त उपक्रम है.
बाधाओं से निपटने में आरवीसी कैसे मदद करेगा?
आरवीसी के लांच के साथ, खराब होने वाली वस्तुओं जैसे सब्जियां, फल, दुग्ध उत्पाद, पोल्ट्री, दवाएं और अन्य ले जाने वाले वाहन (30000 से अधिक) और अन्य जबरन वसूली, पारगमन देरी, उत्पीड़न और अन्य के बारे में अपनी शिकायतें टोल फ्री संख्या 180026766223
पर दर्ज करा सकेंगें.
आरवीसी द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी से ट्रांस्पोर्टरों को महत्वपूर्ण क्षेत्रों से यात्राएं करने में मदद मिलेगी और रेफ्रिजरेटेजड परिवहन सेवाओं के लिए विकल्पों में सुधार होगा.
कुल मिला कर, शिकायतों के आधार पर उठाए गए कदमों से खराब होने वाली वस्तुओं का परिवहन में होने वाली देरी की वजह से बर्बादी को कम किया जा सकेगा. इसलिए भविष्य में कृषि उत्पादों की अधिक दूर की यात्राओं के लिए परिवहन के अन्य साधनों को विकसित करने में भी मदद मिलेगी.
टोल फ्री कॉल्स की जिम्मेदारी एनसीसीडी और महिन्द्रा लॉजिस्टक द्वारा संयुक्त रूप से विकसित मुंबई स्थित रीफर वेहिकल कॉल–इन– सेंटर( आरवीसी) निभाएगी.
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