पूर्व सांसद और रामजन्म भूमि आन्दोलन के अग्रणी नेता रहे गोरक्षपीठ (गोरखपुर) के पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ का 12 सितंबर 2014 को गोरखपुर में निधन हो गया. वे 96 वर्ष के थे तथा पिछले कुछ समय से बीमार थे. चार बार सांसद रहे महंत अवैद्यनाथ पहली बार चौथी लोकसभा के लिए हिन्दू महासभा के टिकट पर गोरखपुर से निर्वाचित हुए थे. इसके बाद वह लगातार नौंवी, दसवीं और ग्यारहवीं लोकसभा के लिए भी निर्वाचित हुए.
अवैद्यनाथ से संबंधित मुख्य तथ्य
(प्रारंभिक वैराग्य जीवन)
महंत अवैद्यनाथ का जन्म 18 मई 1919 को पौढ़ी गढ़वाल (वर्तमान में उत्तराखंड में) के काण्डी नामक गांव में हुआ था. अवैद्यनाथ का सांसारिक नाम कृपाल सिंह विष्ट था, पिता रायसिंह विष्ट तीन भाई थे. महंत अपने माता-पिता की इकलौती सन्तान थे. बाल्य अवस्था में उनके माता-पिता की अकाल मृत्यु हो गयी थी. परिवार के संरक्षण में उनकी दादी मां ने लालन पालन किया था. उच्चतर माध्यमिक की शिक्षा पूर्ण होते ही दादी मां का भी स्वर्गवास हो गया. बाल्य मन पर लगे आघात-प्रतिघात ने उन्हें संसार के प्रति उदासीन बना दिया और मन में वैराग्य भाव ने गहरी पैठ बना ली, जिसके परिणामस्वरूप वे गृह त्याग करके ऋषिकेश चले गए जहां उनका संपर्क अनेक साधु-महात्माओं से हुआ. वैराग्य से जाग्रत चेतना के कारण उनका रूझान भारतीय धर्म-दीन एवं मानव जीवन के गूढ रहस्यों को समझने में रम गया. इससे उत्पन्न जिज्ञासा को शान्त करने के लिए किशोर कृपाल सिंह विष्ट ने देवभूमि उत्तराखण्ड के बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री तथा काशी सहित अनेक स्थानों का भ्रमण किया. इस दौरान उन्हें अनेक उच्च कोटि के साधु-सन्तों का सानिध्य मिला. किशोरावस्था में ही उन्होंने कैलाश मानसरोवर की यात्रा की.
(राजनीतिक जीवन)
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वर्ष 1962 में मानीराम विधानसभा से विजयी होकर महन्त अवैद्यनाथ पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य बनें और लगातार वर्ष 1967, 1969, 1974 और वर्ष 1977 के विधानसभा चुनाव जीतते रहे. लोकसभा चुनाव में वे वर्ष 1970 के उपचुनाव में गोरखपुर सीट से जीतक संसद में पहुंचे. इसके बाद लोकसभा के वर्ष 1989, 1991 के मध्यावधि चुनाव तथा 1996 के लोकसभा चुनाव में महन्त अवैद्यनाथ विजयी रहे. लोकसभा में महन्त वर्ष 1971, 1990 एवं 1991 में भारत सरकार के गृह मंत्रालय की परामर्शदायी समिति के सदस्य भी रहें.
भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ, महंत अवैद्यनाथ के राजनीतिक वारिस
महंत अवैद्यनाथ का गोरखपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में काफी राजनीतिक एवं धार्मिक प्रभाव था. अवैद्यनाथ ने वर्ष 1998 में योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक वारिस घोषित किया.
(राजनीतिक जीवन)
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वर्ष 1962 में मानीराम विधानसभा से विजयी होकर महन्त अवैद्यनाथ पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य बनें और लगातार वर्ष 1967, 1969, 1974 और वर्ष 1977 के विधानसभा चुनाव जीतते रहे. लोकसभा चुनाव में वे वर्ष 1970 के उपचुनाव में गोरखपुर सीट से जीतक संसद में पहुंचे. इसके बाद लोकसभा के वर्ष 1989, 1991 के मध्यावधि चुनाव तथा 1996 के लोकसभा चुनाव में महन्त अवैद्यनाथ विजयी रहे. लोकसभा में महन्त वर्ष 1971, 1990 एवं 1991 में भारत सरकार के गृह मंत्रालय की परामर्शदायी समिति के सदस्य भी रहें.
भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ, महंत अवैद्यनाथ के राजनीतिक वारिस
महंत अवैद्यनाथ का गोरखपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में काफी राजनीतिक एवं धार्मिक प्रभाव था. अवैद्यनाथ ने वर्ष 1998 में योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक वारिस घोषित किया.
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