केंद्र सरकार ने बराक
मिसाइल के 1000 करोड़ के सौदे को 25 सितंबर 2014 को मंजूरी दी. यह सौदा इस्राइल के साथ
की गई. सुरक्षा पर कैबिनेट की केंद्रीय समिति ने इस्राइल एयर डिफेंस से मिसाइल
खरीदने को मंजूरी दी.
रक्षा सौदों में
भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सीबीआई जांच के कारण पिछले पांच वर्षों से इस मिसाइल
की खरीदारी का सौदा लंबित था. इन बराक मिसाइलों को नौसेना के विमान के साथ रखा
जाएगा, जो कि दुश्मनों के विमान या मिसाइल को
लक्ष्य बना पाने में सक्षम होंगे. इन मिसाइलों को दो युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य
और आईएनएस विराट पर तैनात किया जाएगा, जिनपर वर्तमान मंय कोई
एयर डिफेंस नहीं है.
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