न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू ने देश के 42वें प्रधान न्यायाधीश के पद की शपथ ली-(29-SEP-2014) C.A

| Monday, September 29, 2014
न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू (एच. लक्ष्मीनारायणस्वामी) ने 28 सितंबर 2014 को देश के 42वें प्रधान न्यायाधीश के पद की शपथ ली. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. वह भारत के 42वें प्रधान न्यायाधीश हैं. न्यायमूर्ति एचएल दत्तू ने 27 सितंबर 2014 को सेवानिवृत हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा का स्थान लिया.
  
न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू का कार्यकाल 2 दिसंबर 2015 तक (14 महीने) है. वे वर्ष 2014 में भारत के प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेने वाले सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे न्यायाधीश हैं.  इसके अप्रैल 2014 में न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा ने शपथ ली थी.

न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू से संबंधित मुख्य तथ्य
न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू 17 दिसंबर 2008 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे. इससे पहले वह केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे. 
न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू 18 दिसंबर 1995 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे. इसके बाद वह 12 फरवरी 2007 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए. उनका तबादला 18 मई 2007 को केरल उच्च न्यायालय में कर दिया गया.
न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल का जन्म कर्नाटक में 3 दिसंबर 1950 को हुआ था. 
वर्ष 1983 से वह कर्नाटक उच्च न्यायालय में बिक्री कर विभाग के लिए सरकारी वकील, आयकर विभाग के वकील और बाद में सरकारी वकील बने. 
वर्ष 1995 में आयकर विभाग के लिए वरिष्ठ वकील बनाए जाने के बाद न्यायमूर्ति दत्तू को कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायधीश के रूप में प्रोन्नति दिया गया. 
फरवरी 2007 में उन्हें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायधीश बनाया गया. बाद में वह केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश बने. 
न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में जांच पर निगरानी रख रही पीठ की अगुवाई कर रहे हैं.

न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू पर तथा कथित आरोप 
न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू का नाम कर्नाटक में प्लॉट आवंटन घोटाले में जोड़ा गया था.  रॉ की एक पूर्व अधिकारी ने न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू पर यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि जब वह लॉ की पढ़ाई कर रही थीं, तब न्यायमूर्ति दत्तू ने वर्ष 2011 में उनका यौन उत्पीड़न किया था. याचिकाकर्ता 1987 बैच की रॉ की अधिकारी रही हैं.

0 comments:

Post a Comment