केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने 13 टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना को मंजूरी दी-(21-SEP-2014) C.A

| Sunday, September 21, 2014

केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने 13 टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना को 18 सितंबर 2014 को मंजूरी दी. प्रत्येक पार्क के लिए 100 करोड़ रुपये के न्यूनतम निवेश प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा. इसके साथ ही साथ मंत्रालय हर एक पार्क के लिए 40 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगा. मंत्रालय के इस कदम से देश में हजारों नौकरियां पैदा करने में मदद मिलेगी.

देश में कृषि के बाद कपड़ा उद्योग सबसे अधिक रोजगार पैदा करता है. एक औद्योगिक पार्क, कमसेकम 2500 से 3000 लोगों को नौकरी प्रदान करेगा. कपड़ा मंत्रालय ने नई राष्ट्रीय कपड़ा नीति पर विचार विमर्श के लिए 24 सितंबर 2014 को राज्य कपड़ा मंत्रियों की एक बैठक भी बुलाई है.

नई राष्ट्रीय कपड़ा नीति का मसौदा, रणनीति और कार्य योजना

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कपड़ा उद्योग में हो रहे बदलावों को देखते हुए, कपड़ा मंत्रालय ने राष्ट्रीय कपड़ा नीति (एनटीपी), 2000 की समीक्षा करने की प्रक्रिया शुरु की थी. मंत्रालय ने जून 2013 में एनटीपी 2000 की समीक्षा और नए राष्ट्रीय कपड़ा नीति पर सिफारिश के लिए अजय शंकर की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त किया था.
 
नई कपड़ा नीति का मसौदा, रणनीति और कार्य योजना के अनुसार, नई कपड़ा नीति का समग्र उद्देश्य पर्याप्त कुशल कार्यबल, श्रम सुधारों से जुड़े मुद्दों को संबोधित करना, कपड़ा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना एवं वस्त्र उद्योग के लिए भविष्य का रोडमैप मुहैया कराना है. नई राष्ट्रीय कपड़ा नीति का मुख्य उद्देश्य कपड़ा क्षेत्र में अगले दशक के लिए दृष्टि विकसित करना और वर्तमान के 4 फीसदी बाजार हिस्सेदारी को तीन गुना करना है.
 
राष्ट्रीय कपड़ा नीति- 2000 के बारे में

भारत सरकार ने वर्ष 2000 में राष्ट्रीय कपड़ा नीति पारित की. नीति का उद्देश्य एक मजबूत और जीवंत कपड़ा उद्योग को विकसित करना था जो किः
  
कपड़ा और परिधान निर्यात के क्षेत्र में वर्तमान 11 बिलियन अमेरिकी डॉलर को 2010 तक 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य हासिल करना जिसमें परिधानों की हिस्सेदारी 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर की होगी. 
लोगों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए अच्छे गुणवत्ता वाले कपड़ों का किफायती दामों में उत्पादन.
स्थायी रोजगार के प्रावधान और देश के आर्थिक विकास में योगदान को बढ़ाना.
विश्व बाजार में बढ़ी हुई हिस्सेदारी के लिए आत्मविश्वास के साथ मुकाबला करना.
कपास के उत्पादन में कमसेकम 50 फीसदी की वृद्धि हासिल करना औऱ इसकी गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक उन्नत करना.

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