प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने ‘मेक इन इंडिया’ योजना
की शुरुआत 25 सितंबर 2014 को की. इसके
साथ ही नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘मेक इन इंडिया’
का पोर्टल (वेबसाइट makeinindia.com) लॉन्च
किया गया. इसका उद्देश्य घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है. इस कार्यक्रम
में देश के उद्योगपतियों के साथ ही विदेशी कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.
फर्स्ट
डेवलपमेंट इंडिया (FDI)
'मेक इन इंडिया' की वेबसाइट makeinindia.com को लॉन्च करने के बाद प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों में यह भरोसा जगाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सरकार बदलने के साथ ही भारत में कारोबारी माहौल बदल चुका है और उनका निवेश किसी भी सूरत में डूबने नहीं दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर एफडीआई (FDI) की नई परिभाषा देते हुए कहा कि भारतीयों के लिए इसका मतलब होना चाहिए ‘फर्स्ट डेवलपमेंट इंडिया’.
इस मुहिम का उद्देश्य देश को वैश्विक विनिर्माण का हब बनाना एवं बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने के अलावा व्यापार तथा आर्थिक वृद्धि को गति देना है.
पृष्ठभूमि
वर्ष 2014 के स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 2014) के अवसर पर मोदी ने ‘कम, मेक इन इंडिया’ का नारा देते हुए विश्व भर के उद्योगपतियों को भारत में निवेश का निमंत्रण दिया था और भारत को ग्लोबल स्तर पर ‘मैन्यूफैक्चरिंग हब’(विनिर्माण केंद्र) बनाकर देश में रोजगार बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों नई तकनीक लाने की बात कही थी. उन्होंने उद्योगों और औद्योगिक हुनर रखने वाले युवकों का भी आह्वान किया कि वे ऐसे उत्पाद तैयार करें ताकि दुनिया भर में ‘मेड इन इंडिया’ का नाम स्थापित हो.
'मेक इन इंडिया' की वेबसाइट makeinindia.com को लॉन्च करने के बाद प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों में यह भरोसा जगाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सरकार बदलने के साथ ही भारत में कारोबारी माहौल बदल चुका है और उनका निवेश किसी भी सूरत में डूबने नहीं दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर एफडीआई (FDI) की नई परिभाषा देते हुए कहा कि भारतीयों के लिए इसका मतलब होना चाहिए ‘फर्स्ट डेवलपमेंट इंडिया’.
इस मुहिम का उद्देश्य देश को वैश्विक विनिर्माण का हब बनाना एवं बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने के अलावा व्यापार तथा आर्थिक वृद्धि को गति देना है.
पृष्ठभूमि
वर्ष 2014 के स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 2014) के अवसर पर मोदी ने ‘कम, मेक इन इंडिया’ का नारा देते हुए विश्व भर के उद्योगपतियों को भारत में निवेश का निमंत्रण दिया था और भारत को ग्लोबल स्तर पर ‘मैन्यूफैक्चरिंग हब’(विनिर्माण केंद्र) बनाकर देश में रोजगार बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों नई तकनीक लाने की बात कही थी. उन्होंने उद्योगों और औद्योगिक हुनर रखने वाले युवकों का भी आह्वान किया कि वे ऐसे उत्पाद तैयार करें ताकि दुनिया भर में ‘मेड इन इंडिया’ का नाम स्थापित हो.
प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ विजन को साकार करने की दिशा में बड़ा
कदम उठाते हुए सरकार ने घरेलू पूंजीगत वस्तु क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 930
करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है. केंद्र सरकार इसके लिए 581.22
करोड़ रुपये बजटीय सहायता के रूप में देगी. बाकी 349.74 करोड़ की धनराशि उद्योग जगत से जुटाई जाएगी. पूरी योजना पर आगामी वर्षो
में 20,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. यह स्कीम 12वीं और 13वीं पंचवर्षीय योजना में लागू की जाएगी.
इससे भारतीय कैपिटल गुड्स (पूंजीगत सामान) क्षेत्र को प्रतिस्पर्धा का मुकाबला
करने में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों
संबंधी समिति (सीसीईए) की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई.
1 comments:
Banbandhu Kalyan Yojana
Soil Health Card Yojana
Right to Light Scheme
Pradhan Mantri Sahaj Bijli Har Ghar Yojana
Post a Comment