एआईएडीएमके नेता एवं तमिलनाडु के नवनियुक्त मुख्यमंत्री
ओ. पन्नीरसेल्वम ने 29 सितंबर 2014 को
चेन्नई में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. उनके साथ उनके कैबिनेट के 32 मंत्रियों ने भी शपथ ली.
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता को 27 सितंबर 2014 को न्यायालय से आय से अधिक संपत्ति के
मामले में दोषी करार देकर चार वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई, जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद ओ. पन्नीरसेल्वम को
एआईएडीएमके दल की ओर से नेता चुना गया. वह निवर्तमान में राज्य के वित्तमंत्री थे.
इससे पहले भी ओ. पन्नीरसेल्वम, सितंबर 2001 से मार्च 2002 तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
ओ.पन्नीरसेल्वम से संबंधित मुख्य तथ्य
• वर्ष 1951 में जन्मे पन्नीरसेल्वम किसान परिवार से हैं.
• राजनीति में उनका आगमन वर्ष 1996 में हुआ जब वह पहली बार पेरियाकुलम नगर निगम अध्यक्ष बने.
• वर्ष 2001 में वह पहली बार पेरियाकुलम विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए और जयललिता सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए.
• वर्ष 2001 में जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद संभाली तो एक रिकार्ड उनके नाम जुड़ा और वह था थेवार समुदाय से आने वाले प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बनने का.
• वर्ष 2006 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके की हार के बाद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की भी भूमिका निभाई.
विदित हो कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता को आय के ज्ञात स्रोत से 66 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति जमा करने के एक मामले में 27 सितंबर 2014 को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए चार वर्ष कैद की सजा सुनाई और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया.
ओ.पन्नीरसेल्वम से संबंधित मुख्य तथ्य
• वर्ष 1951 में जन्मे पन्नीरसेल्वम किसान परिवार से हैं.
• राजनीति में उनका आगमन वर्ष 1996 में हुआ जब वह पहली बार पेरियाकुलम नगर निगम अध्यक्ष बने.
• वर्ष 2001 में वह पहली बार पेरियाकुलम विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए और जयललिता सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए.
• वर्ष 2001 में जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद संभाली तो एक रिकार्ड उनके नाम जुड़ा और वह था थेवार समुदाय से आने वाले प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बनने का.
• वर्ष 2006 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके की हार के बाद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की भी भूमिका निभाई.
विदित हो कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता को आय के ज्ञात स्रोत से 66 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति जमा करने के एक मामले में 27 सितंबर 2014 को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए चार वर्ष कैद की सजा सुनाई और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया.
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