प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की 24 सितंबर 2014
को हुई बैठक में इलेक्ट्रिक पावर ग्रिड, सीमा
पार ट्रांसमिशन इंटरकनेक्शन और ग्रिड कनेक्टिविटी पर भारत–नेपाल
समझौते को मंजूरी दी गई.
यह मंजूरी दोनों देशों के
बीच सीमा पार बिजली ट्रांसमिशन ग्रिड कनेक्टिविटी और बिजली व्यापार की सुविधा
प्रदान करेगा.
यह समझौता परस्पर स्वीकार्य शर्तों पर भविष्य में नेपाल में पनबिजली
संयंत्रों से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली का भारतीय संस्थाओं द्वारा आयात के लिए
रूपरेखा भी प्रदान करेगा.
फिलहाल हर वर्ष नेपाल भारत से 200 मेगावाट
बिजली आयात करता है. इसके अलावा, नए सीमा पार ट्रांसमिशन
लाइनों के निर्माण (इसका निर्माण कार्य जारी है), अगले दो
वर्षों में ट्रांसमिशन की क्षमता को दुगना कर देगा.
पृष्ठभूमि
बिजली व्यापार को मंजूरी अगस्त 2014 में
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेपाल दौरे के दौरान किए गए फैसलों के आलोक में
दिया गया था. मोदी के दौरे के दौरान यह फैसला किया गया था कि बिजली व्यापार समझौता
को 45 दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा.
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