चीन के पुरातत्वविदों ने 24 सितंबर 2014 को उत्तर–पूर्वी
जीलिन प्रांत में प्राचीन खानाबदोश शिविर की खोज की. अनुमानतः इस शिविर का
इस्तेमाल लियाओ साम्राज्य (907 ई. – 1125 ई.) के सम्राट इस्तेमाल करते थे.
हालांकि, पुरातत्वविदों ने शिविर के वास्तिवक आकार का खुलासा अभी नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि यह चीन में पाया गया अब तक का सबसे बड़ा शिविर है.
हालांकि, पुरातत्वविदों ने शिविर के वास्तिवक आकार का खुलासा अभी नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि यह चीन में पाया गया अब तक का सबसे बड़ा शिविर है.
जीलिंग प्रांस के
सांस्कृतिक विरासत प्रमुख जिन झूडोंग की योजना इस शिविर को विश्व धरोहर सूची में
शामिल करने की है.
शिविर के बारे में निष्कर्ष
पाए गए शिविर में कुल चार हिस्से हैं. तीन किलोमीटर चौड़ा सबसे बड़ा
हिस्सा पूरे शिविर के आकार का करीब एक– तिहाई
है. इसमें शिविर के लगाने के लिए करीब 900 स्थान हैं.
यह प्राचीन शिविर स्थल खानाबदोश खितन के शासनकाल में प्रशासनिक
केंद्र के तौर पर काम करता था हालांकि शहर की राजधानी चीन में आंतरिक मंगोलिया (इनर
मंगोलिया) थी. लियाओ साम्राज्य के सम्राटों के पास आम तौर पर चार शिविर हुआ करते
थे जहां वे चार अलग– अलग मौसम में रहा करते थे. बसंत और
ग्रीष्म ऋतु में वे उत्तर दिशा वाले शिविर में चले जाते थे जबकि शरद और शीत ऋतुओं
में वे दक्षिण दिशा वाले शिविर में रहते थे.
पृष्ठभूमि
साल 2009 में, वसंत ऋतु
के शिविर के खंडहर की खोज की गई थी औऱ अगस्त 2014 से वहां
पुरातात्विक खुदाई शुरु है. तब से, पुरात्तविदों ने टाइलें,
बर्तन, चीनी मिट्टी के बर्तन, तांबे के सिक्के और बुद्ध की प्रतिमाओं समेत 100 से
अधिक सांस्कृतिक अवशेषों की खोज की है.
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