फिक्की (भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग परिसंघ) का आर्थिक आउटलुक सर्वेक्षण 13 सितंबर 2014 को जारी किया गया. सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2014–15 के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. आर्थिक आउटलुक सर्वे के जून 2014 के अंक में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.
जीडीपी का अनुमानित विकास दर आशावाद के स्पष्ट वापसी को दर्शाता है और इस गति के साथ ही 2014–15 के दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों के जारी रहने की उम्मीद है.
आर्थिक आउटलुक सर्वेक्षण की मुख्य बातें
• वित्त वर्ष 2014–15 में जीडीपी की न्यूनतम और अधिकतम विकास दर क्रमशः 5.3% और 6.0% रहने की उम्मीद का संकेत है.
• मॉनसून में हुई देरी के बावजूद कृषि विकास दर के स्थिर बने रहने की उम्मीद है.
• वित्त वर्ष 2014–15 में औद्योगिक क्षेत्र के 4.7% की विकास दर की उम्मीद है, जो कि जून 2014 के अनुमान से 1.6% अधिक है.
• सेवा क्षेत्र में विकास दर जून 2014 के अनुमान के जैसे ही रहने की उम्मीद है. 2014–15 में इस क्षेत्र में 69 प्रतिशत के विकास की उम्मीद है.
• पिछले वर्ष की तुलना में मुद्रास्फीति की दर में कुछ कमी आने की संभावना है और 2014–15 में वार्षिक औसत सीपीआई मुद्रास्फीति दर के 7.8% होने की उम्मीद है. हालांकि मुद्रास्फीति पर उल्टा दबाव बढ़ सकता है.
• घरेलू मुद्रास्फीति अपेक्षाकृत अधिक रहती है और आरबीआई को अपनी प्रमुख नीति दरों में कटौती के लिए मुद्रास्फीति दबाव के निश्चित संकेत का इंतजार करना होगा.
• निर्यात और चालू खाते का घाटा (सीएडी) में कोई आसन्न जोखिम नहीं दिखाई देता. 2014–15 के लिए सीएडी और जीडीपी अनुपात 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
• विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) प्रवाह साल के दूसरे हिस्से में भी बना रहेगा हालांकि इसकी गति कम रहेगी.
• प्राथमिकता के कुछ क्षेत्र पहचान किए गए हैं जिसमें विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा के निर्माण की जरूरत, गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली की आपूर्ति, श्रम संबंधित मुद्दों को हल करना और आसान भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर काम करना शामिल है.
• यह स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है कि केंद्र सरकार कहां विनिर्माण गतिविधियों के लिए अधिक अनुकूल माहौल सुनिश्चित कर सकती है जिस पर तुरंत काम करने की जरूरत है.
आर्थिक आउटलुक सर्वेक्षण की मुख्य बातें
• वित्त वर्ष 2014–15 में जीडीपी की न्यूनतम और अधिकतम विकास दर क्रमशः 5.3% और 6.0% रहने की उम्मीद का संकेत है.
• मॉनसून में हुई देरी के बावजूद कृषि विकास दर के स्थिर बने रहने की उम्मीद है.
• वित्त वर्ष 2014–15 में औद्योगिक क्षेत्र के 4.7% की विकास दर की उम्मीद है, जो कि जून 2014 के अनुमान से 1.6% अधिक है.
• सेवा क्षेत्र में विकास दर जून 2014 के अनुमान के जैसे ही रहने की उम्मीद है. 2014–15 में इस क्षेत्र में 69 प्रतिशत के विकास की उम्मीद है.
• पिछले वर्ष की तुलना में मुद्रास्फीति की दर में कुछ कमी आने की संभावना है और 2014–15 में वार्षिक औसत सीपीआई मुद्रास्फीति दर के 7.8% होने की उम्मीद है. हालांकि मुद्रास्फीति पर उल्टा दबाव बढ़ सकता है.
• घरेलू मुद्रास्फीति अपेक्षाकृत अधिक रहती है और आरबीआई को अपनी प्रमुख नीति दरों में कटौती के लिए मुद्रास्फीति दबाव के निश्चित संकेत का इंतजार करना होगा.
• निर्यात और चालू खाते का घाटा (सीएडी) में कोई आसन्न जोखिम नहीं दिखाई देता. 2014–15 के लिए सीएडी और जीडीपी अनुपात 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
• विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) प्रवाह साल के दूसरे हिस्से में भी बना रहेगा हालांकि इसकी गति कम रहेगी.
• प्राथमिकता के कुछ क्षेत्र पहचान किए गए हैं जिसमें विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा के निर्माण की जरूरत, गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली की आपूर्ति, श्रम संबंधित मुद्दों को हल करना और आसान भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर काम करना शामिल है.
• यह स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है कि केंद्र सरकार कहां विनिर्माण गतिविधियों के लिए अधिक अनुकूल माहौल सुनिश्चित कर सकती है जिस पर तुरंत काम करने की जरूरत है.
0 comments:
Post a Comment