भारत के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मल लोढ़ा सेवानिवृत्त हुए-(30-SEP-2014) C.A

| Tuesday, September 30, 2014
भारत के 41वें मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मल लोढ़ा 27 सितंबर 2014 को सेवानिवृत्त हो गए. वह पांच महीने के लिए मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए.
राजेंद्र मल लोढ़ा ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम की सेवानिवृत्ति के बाद 27 अप्रैल 2014 को भारत के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला था. अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका नाम न्यायमूर्ति सदाशिवम द्वारा सिफारिश के बाद उनको भारत का मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया.
मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस लोढ़ा ने कोयला आवंटन घोटाले में निर्णय किया था.
लोढ़ा की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की बेंच ने 24 सितम्बर 2014 को वर्ष 1993 और वर्ष 2010 के बीच आवंटित 218 कोल ब्लॉक में से सिर्फ चार सरकारी कोल ब्लॉक को छोड़कर शेष सभी कोल आवंटन रद्द कर दिए.
न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा से संबंधित मुख्य तथ्य
•    न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा वर्ष 1973 में राजस्थान बार काउंसिल में पंजीकृत हुए.
•    उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय में कानून के अभ्यास के दौरान संवैधानिक, सिविल, कंपनी, आपराधिक, कराधान और श्रम जैसी कानून की सभी शाखाओं का अभ्यास किया.
•    जनवरी 1994 में वे राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए और 15 दिन बाद ही उन्हें बांबे हाईकोर्ट मंब स्थानांतरित कर दिया गया.
•    न्यायमूर्ति लोढ़ा 13 वर्ष तक बांबे हाईकोर्ट के न्यायाधीश रहे. फरवरी 2007 में वे पुनः राजस्थान हाईकोर्ट स्थानांतरित हुए. 13 मई 2008 को वे पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और 17 दिसंबर 2008 को वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर नियुक्त हुए.
•    न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा का जन्म राजस्थान के जोधपुर में वर्ष 1949 में हुआ.
•    उनके पिता एस के मल लोढ़ा भी राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं.



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