सार्क देशों के संस्कृति मंत्रियों की तीसरी बैठक 24 व 25 सितंबर 2014 को नई दिल्ली
में आयोजित की गई. यह बैठक संस्कृति राज्य मंत्री श्रीपद नाइक की अध्यक्षता में
हुई.
वर्ष 2014– 2017 की अवधि
में सार्क क्षेत्र में सांस्कृतिक संबंधों की रूपरेखा के तौर पर दिल्ली संकल्प को
अपनाया गया.
दिल्ली संकल्प
• वर्ष 2016– 2017
को सार्क सांस्कृतिक विरासत वर्ष घोषित करना. 2015– 2016 के लिए, सार्क की सांस्कृतिक राजधानी बामियान होगी
और सार्क सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर बामियान का उद्घाटन समारोह अप्रैल 2015
में किया जाएगा.
• विश्व धरोहर सूची और विरासत
स्थलों के अंतरराष्ट्रीय नामांकन के लिए एक क्षेत्रीय सूची का प्रस्ताव तैयार
करना.
• अन्य अंतर्देशीय
संबंधों के रूप में समुद्री मार्गों और मानसून के प्रभाव और योगदान की पहचान के
लिए.
• क्षेत्रीय नामांकन के
जरिए सदस्य देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को पुनर्परिभाषित कर बातचीत बढ़ाने के
लिए.
• संस्कृति पर समर्पित
सार्क वेबसाइट शुरु कर सार्क संस्कृति को ऑनलाइन बढ़ावा देने के लिए. इसमें दुर्लभ
पांडुलिपियों, दुर्लभ पुस्तकों और अमूर्त सांस्कृतिक मूल्य
वाले लेख का डिजिटलीकरण पर जोर दिया जाएगा.
• सार्क क्षेत्र में
सांस्कृतिक संस्थानों को मजबूत बनाना, उनके प्रदर्शन के लिए
सांस्कृतिक उत्सवों को बढ़ावा देना जो कि सार्क सदस्य देशों में अनूठे हों,
और कलाकारों, लेखकों और विद्वानों के लिए
सार्थक विनिमय कार्यक्रमों को सक्षम बनाने के लिए.
• सार्क सांस्कृतिक
विरासत समिति (एसएचसी) और सांस्कृतिक संस्थान की स्थापना जो सदस्य देशों में
ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण, रखरखाव के साथ उनके डिजिटल
मैपिंग के प्रयासों को बढ़ावा देना और साथ ही संग्रहालयों और क्षेत्र के अन्य
भंडारों में सांस्कृतिक संपत्ति विकसित करना और उनमें सर्वोत्तम प्रथाओं और मानकों
को लागू करना.
• इलाकों की स्थानीय
भाषाओं में लिखे गए साहित्य को बढ़ावा देना और अनुवाद, न
सिर्फ अंग्रेजी में बल्कि एक सार्क भाषा से दूसरी सार्क भाषा में सीधे अनुवाद के
जरिए उसे विश्व भर के पाठकों तक पहुंचाना, लेखकों को
रचनात्मक परियोजनाओं ,अन्य लेखकों के साथ मिलकर काम करने के
लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना और अन्य संस्कृतियों के प्रति जानकारी मुहैया
कराना.
• इस वैश्विक संस्कृति
के युग में हमारे साझे अतीत की बेहतर समझ और क्षेत्र की सांस्कृतिक भविष्य की
कल्पना नए सिरे से करने दोनों ही के लिए लोककथाओं और अन्य मौखिक परंपरा जो स्थानीय
आख्यानों और संस्कृतियों के बारे में बताती है, के संरक्षण
को सर्वोच्च प्राथमिकता देना.
• सार्क क्षेत्र के
विजुअल और परफॉर्मिंग आर्ट के रूपों को विश्व के अन्य हिस्सों तक – सांस्कृतिक और भौगोलिक दोनों ही – स्तर पर पहुंचाने
के लिए प्रोत्साहित कर इन भूमियों को सांस्कृतिक कूटनीति के सतत अभियान के हिस्से
के रूप में सजाना ताकि इन स्थलों की तरफ पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके और सार्क
पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके.
• सार्क देशों की जनता
की साक्षरता में सुधार के वन मिशन– मोड को समर्थन देना और
फिर सूदूर इलाकों में पुस्तकालयों की स्थापना कर किताबों और अन्य पठन सामग्रियों
तक जनता की पहुंच बनाकर उनके पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए.
• पुरातात्विक महत्व
वाले स्थलों और विरासत स्थलों पर उसमें प्रवेश के लिए सामान्य दर निश्चित कर सार्क
देशों के आगंतुकों के आग्रह और दिलचस्पी को बढ़ावा देने के लिए.
सार्क संस्कृति मंत्रियों ने संस्कृति मंत्रियों की चौथी बैठक के लिए बांग्लादेश में मिलना तय किया है.
सार्क संस्कृति मंत्रियों ने संस्कृति मंत्रियों की चौथी बैठक के लिए बांग्लादेश में मिलना तय किया है.
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