पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने बंगाल की खाड़ी में गेटवे सबमरीन केबल सिस्टम को मंजूरी दी-(27-SEP-2014) C.A

| Saturday, September 27, 2014

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (एमईओएफ) के अधीन विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने 24 सितंबर 2014 को बंगाल की खाड़ी में गेटवे सबमरीन केबल सिस्टम को तटीय नियमन क्षेत्र (कोस्टल रेगुलेशन जोनसीआरजेड) क्लीयरेंस दी.
ईएसी ने 100गिगाबिटप्रतिसेकेंड (100 जी) के मुंबई और चेन्नई में बे ऑफ बंगाल गेटवे सबमरीन केबल सिस्टम परियोजना के भारतीय हिस्से को क्लीयरेंस दे दी. हालांकि, ईएसी ने परियोजना के समर्थकों को सीआरजेड क्लीयरेंस शर्तों का सख्ती से पालन करने को कहा है.
वोडाफोन समूह ने मुंबई में केबल लैंडिंग प्वाइंट पर काम शुरु कर दिया है जबकि मुकेश अंबानी के रिलायंस कंपनी का इंफोटेल टेलिकॉम लिमिटेड ने सैन्थोम बीच, चेन्नई पर काम कर रहा है.
बे ऑफ बंगाल गेटवे सबमरीन केबल सिस्टम (बीबीजीसीएस) के बारे में
बे ऑफ बंगाल गेटवे सबमरीन केबल सिस्टम (बीबीजीसीएस) जो कि 8000 किलोमीटर के दायरे में जहाजों का परिचालन करता है, के, बारका (ओमान), फुजीराह (यूएई), मुंबई और चेन्नई (भारत), रतमालन (श्रीलंका), पेनांग (मलेशिया) और सिंगापुर, छह देशों में अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी की मजबूती और विश्वसनीयता को बढ़ाने की उम्मीद है. परियोजना में अल्काटेल ल्यूसेंट, अ यूरोनेक्स्ट और एनवाईएसईसूचीबद्ध कंपनी, वोडाफोन समूह, ओमानटेल, अमीरात दूरसंचार निगम, रिलायंस इंफोकॉम, डायलॉग एंड टेलीकॉम मलेशिया शामिल हैं. यह मई 2013 में शुरु किया गया था और 2014 के आखिर तक इसके पूरा किया जाना निर्धारित है.
यह केबल सिस्टम यूरोप, मध्यपूर्व, मध्य एशिया और सूदूर पूर्व के बीच उच्चगति का ब्रिज बनाएगा। सूदूर पूर्व और ओमान के बारका में कनेक्शन के साथ यूरोप, अफ्रीका और जीसीसी में सबमरीन और स्थलीय कनेक्शन के साथ सिंगापुर प्रमुख केबल हब होगा.

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