उत्तर प्रदेश सरकार ने
राज्य के सभी जिलों में निर्भया केंद्र खोलने का फैसला 19 सितंबर 2014 को किया. निर्भया केंद्रों में महिला
सुरक्षा और महिला अपराध की शिकार पीड़िताओं को जल्द राहत दिलाने और प्राथमिकी की
दर्ज कराने की सुविधा होगी.
निर्भया केंद्र को खोलने का निर्णय मुख्य सचिव आलोक रंजन की
अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक के दौरान लिया गया.
निर्णय के अनुसार, निर्भया केन्द्रों
को महिलाओं के खिलाफ अपराध या हिंसा के शिकार लोगों को तत्काल चिकित्सा और अन्य
सहायता प्रदान करने की दृष्टि से महिला अस्पतालों या महिला पुलिस थानों में
स्थापित किया जाएगा.
राज्य स्तर पर इन केन्द्रों की समग्र निगरानी के लिए मुख्य सचिव की
अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा. नोडल अधिकारी को इन केंद्रों की
स्थापना के लिए आवश्यक निर्माण को पूरा करने के लिए घर, चिकित्सा, स्वास्थ्य और कानून विभागों में नामांकित
किया जाएगा.
इसके अलावा, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बनीं सभी योजनाओं को एक छत के नीचे लाने के
लिए, , सरकार ने पायलट जिलों में आशा ज्योति केन्द्रों की
स्थापना हेतु औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश
दिया.
अधिकारियों ने राज्य सूचना विभाग के माध्यम से योजनाओं हेतु जागरूकता
अभियान चलाने के लिए कहा है. अधिकारियों ने कहा कि पीड़ितों को राहत प्रदान करने
और सुरक्षा सुनिश्चित करने में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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