मस्तिष्क कोशिका की नई किस्म की खोज की गयी-(29-SEP-2014) C.A

| Monday, September 29, 2014
शोधकर्ताओं ने एक नए प्रकार की मस्तिष्क कोशिका की खोज की है जो कोशिका बनावट (सेल बॉडी) को दरकिनार कर संकेत भेजती है. यह खोज न्यूरॉननामक शोध जर्नल में 17 सितंबर 2014 में प्रकाशित हुई थी.
नई कोशिकाएं चूहे के अश्वमीन (हिप्पोकैम्पस) में पाया गया है. मनष्यों में भी चूहों के जैसी ही सामान्य मस्तिष्क संरचना और अश्वमीन पाया जाता है.
आमतौर पर, प्रतीकात्मक मस्तिष्क कोशिका में शाखाओं में बंटी हुई डेंड्राइट्स को अन्य न्यूरॉनों से भी संकेत प्राप्त होते हैं. ये संकेत एक बार परिवर्तित किए जाने के बाद एक्जॉन के साथ दूसरे न्यूरॉनों को भेज दिए जाते हैं. शोधकर्ताओं द्वारा खोजी गयी मस्तिष्क कोशिका से एक्जॉन एक डेन्ड्राइट्स से सीधे पैदा होते है.
तंत्रिका तंत्र वैज्ञानिकों (न्यूरोसाइंटिस्ट) द्वारा किया गया शोध
इन एक्जॉन वाहक डेंड्राइट्रों को प्राप्त होने वाले संकेतों के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए टीम ने ग्लूटामेट नाम का एक न्यूरोट्रांसमीटर एक चूहे के मस्तिष्क कोशिका में डाला. ये ट्रांसमीटर बेहद हल्के स्पंदन से भी सक्रिए हो सकते हैं.
हाईरेजल्युशन वाले माइक्रोस्कोप का प्रयोग कर टीम ने विशिष्ट डेंड्राइट पर सीधे प्रकाश बीम डाला और फिर इनपुट संकेत के अनुकरण के लिए न्यूरोट्रांसमीटर को सक्रिय किया.
परिणाम, पाया गया कि एक्जॉन से सीधे जुड़े डेंड्राइट्स छोटे से भी इनपुट उत्तेजना से सक्रिए हो जाता है और न्यूरॉन को सक्रिए बना देता है. यह तब हुआ जब एक्जॉन को अन्य डेंड्राइट से सूचना प्रवाह निरोधात्मक इनपुट संकेतों को कोशिका शरीर पर दबा दिया जाता है.

इस विशिष्ट डेंड्राइट से प्रेषित सूचना किसी भी अन्य डेंड्राइट से प्रेषित सूचना के मुकाबले तंत्रिका कोशिका के व्यवहार को प्रभावित करती है.
अप्रत्याशित निष्कर्ष
•    न्यूरॉन विभिन्न आकृति और आकार के होते हैं लेकिन इसका बुनियादी ब्लूप्रिंट सेल बॉडी के जैसा ही होता है जो जिससे डेंड्राइट और एक्जॉन उभरते हैं.
•    डेंड्राइट्स शाखा जैसी संरचना होती है जो अन्य तंत्रिका कोशिकाओं से संकेत प्राप्त करते हैं और उसे बॉडी सेल को भेजते हैं. उसके बाद न्यूरॉन संकेतों को परिष्कृत करता है और फिर सूचना को अगली कोशिका को एक्जॉन के जरिए भेजता है.
•    हालांकि, नई खोज की गई कोशिका में अज्ञात प्रक्रिया है. इन कोशिकाओं में, संकेत किसी डेंड्राइटस से निकलने वाले एक्जॉन की यात्रा करने की बजाए सेल बॉडी को छोड़ देता है.
•    टीम ने हिप्पोकैम्पस (मस्तिष्क का हिस्सा जिसमें स्मृति शामिल होती है) में पीरामिड के आकार वाली कोशिकाओं में एक्जॉन की उत्पत्ति स्थान को रंगा है. आधे से अधिक कोशिकाओँ में, उन्होंने पाया कि एक्जॉन सेल बॉडी से नहीं निकला लेकिन वह किसी डेंड्राइट से पैदा होता है.
अनुत्तरित सवाल
हालांकि, खोज के बाद यह सवाल उठाया गया है कि आखिर क्यों इन हिप्पोकैम्पस कोशिकाओं को इन विशेष बाइपाइस की जरूरत है जो सेल बॉडी को छोड़ देते हैं. कोशिकाओं का अनूठा आकार संभवतः उन्हें अधिक मजबूत बनाता है और उन स्थितियों से खतरे को कम करता है जहां उनकी प्रतिक्रिया न्यूरांस के परंपरागत मार्ग पर काम करने की बजाए कम होती है.
हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कौन सा संकेत इस विशेषाधिकार प्राप्त चैनल का उपयोग करता है और क्यों.


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