वोरेक बैनीमारामा ने फिजी के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली-(23-SEP-2014) C.A

| Tuesday, September 23, 2014

वोरेक बैनीमारामा ने 22 सितम्बर 2014 को फिजी के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. सुवा स्थित गवर्नमेंट हाउस में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति एपेली नायलातिकाउ ने उन्हें पद की शपथ दिलाई.
परिणाम के मुताबिक, बैनीमारामा ने इन चुनावों में लगभग 60 फीसदी वोट हासिल कर यह जीत हासिल की.

फिजी में 2014 के चुनाव के आधिकारिक परिणाम 17 सितंबर 2014 को आयोजित आम चुनाव के पांच दिनों के बाद घोषित किया गया. बैनीमाराम द्वारा वर्ष 2006 में सैन्य तख्तापलट के बाद फिजी में यह पहले आम चुनाव थे.
फिजी के 2014 चुनाव परिणाम
वोट की अंतिम गणना के अनुसार, बैनीमारामा की फिजी फर्स्ट पार्टी को 59.2 फीसदी वोट मिलें जो वर्ष 2013 में शुरू की फिजी के संविधान के तहत स्थापित नए 50 सीट संसद में 32 सीटों के बराबर है.
सोशल डेमोक्रेटिक लिबरल पार्टी 28.2 फीसदी वोट (15 सीट) के साथ दूसरे स्थान पर जबकि 5.5 परसेंट वोट (3 सीट) के साथ नैशनल फेडरेशन पार्टी तीसरे स्थान पर रही. आधिकारिक परिणाम के अनुसार 590000 पंजीकृत मतदाताओं में से 83.9 प्रतिशत जनसंख्या मतदान किया. 

फिजी का वर्तमान संविधान एक सदनीय 50 सदस्यीय प्रदान संसद करता है जो सर्वोच्च प्राधिकारी होता है और एक व्यक्ति, एक वोट और एक मूल्य के आधार पर निर्वाचित किया जाता है.
संसदीय चुनाव हर चार वर्ष में आयोजित किया जाता हैं और 18 वर्ष की उम्र में हर फ़ीजी नागरिक को एक निर्वाचन क्षेत्र में मतदान करने का हकदार है.
फिजी के 2014 के आम चुनाव में पहली बार भारतीय मूल के नागरिकों को मतदान करने का पूर्ण अधिकार मिला.
करीब 9,00,000 की आबादी वाले फिजी में 40 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल के लोगों की है. उन्होंने बैनीमारामा के उस कदम का भरपूर समर्थन किया, जिसके तहत भारतीय मूल के लोगों को आम फिजीवासी की तरह समान अधिकार हासिल हुए.
फिजी में पिछले सैन्य तख्तापलट    
फिजी 3200 किमी (2000 मील) का ऑस्ट्रेलिया के पूर्व का एक उष्णकटिबंधीय क्षेत्र है. वर्ष 1987 के बाद से अब तक फिजी मे चार तख्तापलट हो चुके हैं. 
चारों तख्तापलट  के पीछे फ़ीजी राष्ट्रवादियों और अल्पसंख्यक जातीय भारतीयों के बीच प्रतिद्वंद्विता कारण था.
वर्ष 2000 के तख्तापलट में, जातीय फिजीवासियों ने 56 दिनों के लिए संसद में पहली बार भारत-फ़ीजी प्रधानमंत्री को बंधक बना रखा जो फिजी में सुवा की सड़कों में घातक दंगों का कारण बना. नवीनतम तख्तापलट वर्ष 2006 में वोरेक बैनीमारामा के नेतृत्व में किया गया.
करीब 9,00,000 की आबादी वाले फिजी में 40 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल के लोगों की है. भारतीय मूल के लोग मजदूरों के वंशज हैं. इन मजदूरों को अंग्रेजों द्वारा फिजी में गन्ने के खेतों में काम करने के लिए लाया गया था.

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