विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 19 सितंबर 2014 को राजगीर (बिहार) स्थित कंवेंशन सेंटर में नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया. छठीं शताब्दी (गुप्त काल) में शुरू हुए प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को वर्ष 1193 में तुर्की शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के सिपहसालार बख्तियार खिलजी ने भारत पर आक्रमण के दौरान ध्वस्त कर दिया था. इसके अवशेष से 12 किलोमीटर की दूरी पर इस विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य 1 सितंबर 2014 से पुनः प्रारंभ हुआ.
नालंदा विश्वविद्यालय के पुनर्स्थापना से जुड़े मुख्य तथ्य
• पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने वर्ष 2006 में नालंदा विश्वविद्यालय की पुनरस्थापना से संबंधित विचार रखा.
• वर्ष 2006 में ही सिंगापुर के तत्कालीन विदेश मंत्री जार्ज जियो ने नालंदा विश्वविद्यालय की पुनरस्थापना हेतु ‘नालंदा प्रपोजल’ नाम से एक प्रस्ताव दक्षिण-पूर्वी एशिया के देशों के समक्ष रखा.
• नालंदा विश्वविद्यालय की पुनरस्थापना से संबंधित विधेयक वर्ष 2010 में संसद में पारित हुआ.
• भारत सरकार ने नालंदा विश्वविद्यालय के लिए 2727 करोड़ रूपये अगले दस वर्षों में खर्च किए जाने हेतु स्वीकृत किया है.
• वर्तमान में नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति पद पर प्रो.गोपा सभरवाल हैं.
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