कर्नाटक गायक थोडुर मदाबुसी कृष्णा और सिर पर मैला ढोने की प्रथा के उन्मूलन के लिए अभियान चलाने वाले बेजवाडा विल्सन सहित छह लोगों को 31 अगस्त 2016 को रमन मैगसेसे पुरस्कार 2016 से सम्मानित किया गया.
जिन चार अन्य को यह पुरस्कार मिला है, उनमें फिलीपीन के कोंचिता कारपियो मोराल्स, इंडोनेशिया के डोम्पेट धुआफा, जापान ओवरसीज कोऑपरेशन वॉलंटियर्स और लाओस के विएनटिआने रेस्क्यू को यह पुरस्कार दिया गया है.
कृष्णा को 'क्लासिकल म्यूजिक को समाज के हर स्तर तक ले जाने के लिए' ये अवॉर्ड दिया गया. मैग्सेसे कमेटी ने कृष्णा को चुनने की जो वजहें बताईं, उसके अनुसार, उन्होंने क्लासिकल म्यूजिक को निचले स्तर, खासकर दलितों और नॉन-ब्राह्मण तबके तक ले जाने का काम किया. वे एक आर्टिस्ट होने के साथ राइटर, स्पीकर और एक्टिविस्ट भी हैं.
वहीं विल्सन, सफाई कर्मचारी आंदोलन के राष्ट्रीय नेता हैं. वे खुद एक दलित फैमिली से ताल्लुक रखते हैं. उन्हें यह अवॉर्ड छोटे तबके की जिंदगी की बेहतरी के लिए काम करने के लिए दिया गया. विल्सन बीते 32 साल से इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं.
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से संबंधित मुख्य तथ्य:
- रेमन मैग्सेसे पुरस्कार फिलीपींस का एक अवॉर्ड है.
- यह फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे के नाम पर दिया जाता है.
- इस पुरस्कार की स्थापना 1957 में हुई थी.
- यह पुरस्कार 6 कैटेगरीज- गवर्ननेंट सर्विस, पब्लिक सर्विस, कम्युनिटी ली़डरशिप, जर्नलिज्म-लिटरेचर-क्रिएटिव कम्युनिकेशन आर्ट्स, पीस-इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग, इमरजेंट लीडरशिप में दिया जाता है.
- भारत में अब तक कुल 53 लोगों को ये पुरस्कार मिल चुका है.
- इसे एशिया का नोबेल पुरस्कार माना जाता है. विजेताओं को एक प्रमाणपत्र, पदक और नकद राशि दी जाती है.
इसका उद्देश्य उन लोगों और समूहों को सम्मानित करना है जो विकास से जुड़ी समस्याओं का निपटारा करते हैं.
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