भूमि पर रहने वाली छिपकली की नयी प्रजाति की मुंबई के गोरेगांव स्थित बदलापुर वन क्षेत्र में खोज की गयी. इस प्रजाति का नाम बंगलुरु आधारित वैज्ञानिक वरद गिरी के नाम पर रखा गया.
इस प्रजाति की खोज इसी श्रेणी के जीव की खोज के 130 वर्ष बाद की गयी.
इस नयी प्रजाति की खोज के संबंध में साइंटिफिक जर्नल ज़ूटाक्स में सितंबर 2016 को जानकारी प्रकाशित की गयी.
इस प्रजाति की खोज इसी श्रेणी के जीव की खोज के 130 वर्ष बाद की गयी.
इस नयी प्रजाति की खोज के संबंध में साइंटिफिक जर्नल ज़ूटाक्स में सितंबर 2016 को जानकारी प्रकाशित की गयी.
छिपकली की नयी प्रजाति
• इस नयी प्रजाति का नाम क्रायटोडेकटेलस वरदगिरी अथवा गिरिज़ गेकोएला रखा गया है.
• इस प्रकार की प्रजाति दक्षिण-पूर्व एशिया, भारत एवं श्रीलंका में पाई जाती है.
• इससे पहले, इस नई प्रजाति को गेकोएला कॉलेजेलेनिस के नाम से जाना जाता था. इसे रूपात्मक पात्रों तथा डीएनए डेटा के आधार पर नई प्रजाति के रूप में वर्णित किया गया.
• इस प्रजाति को अधिकतर वनों में पत्तों पर देखा जाता है.
• यह रात को भोजन की तलाश में बाहर निकलती हैं तथा दिन के समय पत्थरों में छिपकर रहती हैं. इसकी लम्बाई छह सेंटीमीटर तक हो सकती है.
• इन्हें पूर्वी मुंबई के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान, नांदेड़, चंद्रपुर एवं अमरावती जिले में पाया गया.
• इस नयी प्रजाति का नाम क्रायटोडेकटेलस वरदगिरी अथवा गिरिज़ गेकोएला रखा गया है.
• इस प्रकार की प्रजाति दक्षिण-पूर्व एशिया, भारत एवं श्रीलंका में पाई जाती है.
• इससे पहले, इस नई प्रजाति को गेकोएला कॉलेजेलेनिस के नाम से जाना जाता था. इसे रूपात्मक पात्रों तथा डीएनए डेटा के आधार पर नई प्रजाति के रूप में वर्णित किया गया.
• इस प्रजाति को अधिकतर वनों में पत्तों पर देखा जाता है.
• यह रात को भोजन की तलाश में बाहर निकलती हैं तथा दिन के समय पत्थरों में छिपकर रहती हैं. इसकी लम्बाई छह सेंटीमीटर तक हो सकती है.
• इन्हें पूर्वी मुंबई के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान, नांदेड़, चंद्रपुर एवं अमरावती जिले में पाया गया.
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