केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने परिवार नियोजन सेवाओं को बढ़ावा देने हेतु सात राज्यों के 145 जिलों में मिशन परिवार विकास आरंभ किया. सभी जिलों में यह मिशन एक समय पर आरंभ किया जायेगा.
मिशन परिवार विकास का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले परिवार कल्याण उपाय के विकल्पों तक पहुंच बनाने में तेजी लाना है, जो सूचना, भरोसेमंद सेवाओं और आपूर्ति पर आधारित हैं. यह सात राज्य हैं - उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और असम हैं जिनका देश की कुल आबादी में 44 प्रतिशत हिस्सा है.
मिशन परिवार विकास का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले परिवार कल्याण उपाय के विकल्पों तक पहुंच बनाने में तेजी लाना है, जो सूचना, भरोसेमंद सेवाओं और आपूर्ति पर आधारित हैं. यह सात राज्य हैं - उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और असम हैं जिनका देश की कुल आबादी में 44 प्रतिशत हिस्सा है.
जिलों का चयन
इन 145 जिलों का चयन कुल प्रजनन दर और सेवा वितरण (पीपीआईयूसीडी और नसबंदी प्रदर्शन) के आधार पर किया गया. वर्ष 2025 तक प्रजनन दर 2.1 तक पहुचाने का लक्ष्य तय किया गया है.
हाल ही जारी किये गये आंकड़े बताते हैं कि 145 जिलों में 3.0 से अधिक टीएफआर है जो भारत की जनसँख्या का 28 प्रतिशत (लगभग 33 करोड़) है.
इनसे यह भी पता चला कि असुरक्षित तरीकों से संबंध बनाने वाले 40 प्रतिशत लोग भी इन्हीं जिलों में निवास करते हैं.
यह जिले मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी दूसरों से भिन्न स्थान रखते हैं. इनमें मातृ मृत्यु दर 25-30 प्रतिशत तथा शिशु मृत्यु दर 50 प्रतिशत है. इनमें लगभग 115 जिलों में किशोरावस्था में मां बनने की दर (79 प्रतिशत) भी अन्य जिलों के मुकाबले अधिक पायी गयी.
मुख्य कार्यक्षेत्र
इस पहल का मुख्य उद्देश्य परिवार नियोजन की सुनिश्चित सेवायें उपलब्ध कराना है. साथ ही नयी प्रोत्साहन योजनाओं, निगरानी और कार्यान्वयन द्वारा गर्भनिरोधकों तक पहुंच में सुधार करना है.
इन 145 जिलों का चयन कुल प्रजनन दर और सेवा वितरण (पीपीआईयूसीडी और नसबंदी प्रदर्शन) के आधार पर किया गया. वर्ष 2025 तक प्रजनन दर 2.1 तक पहुचाने का लक्ष्य तय किया गया है.
हाल ही जारी किये गये आंकड़े बताते हैं कि 145 जिलों में 3.0 से अधिक टीएफआर है जो भारत की जनसँख्या का 28 प्रतिशत (लगभग 33 करोड़) है.
इनसे यह भी पता चला कि असुरक्षित तरीकों से संबंध बनाने वाले 40 प्रतिशत लोग भी इन्हीं जिलों में निवास करते हैं.
यह जिले मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी दूसरों से भिन्न स्थान रखते हैं. इनमें मातृ मृत्यु दर 25-30 प्रतिशत तथा शिशु मृत्यु दर 50 प्रतिशत है. इनमें लगभग 115 जिलों में किशोरावस्था में मां बनने की दर (79 प्रतिशत) भी अन्य जिलों के मुकाबले अधिक पायी गयी.
मुख्य कार्यक्षेत्र
इस पहल का मुख्य उद्देश्य परिवार नियोजन की सुनिश्चित सेवायें उपलब्ध कराना है. साथ ही नयी प्रोत्साहन योजनाओं, निगरानी और कार्यान्वयन द्वारा गर्भनिरोधकों तक पहुंच में सुधार करना है.
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