यह समझौता वियतनामी प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक और चीनी प्रधानमंत्री ली के कियांग के बीच बीजिंग में हुई वार्ता के बाद किया गया. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय के बाद फुक चीन की यात्रा करने वाले पहले वियतनामी नेता हैं.
इससे पहले, हेग न्यायालय ने दक्षिण सागर पर चीन के अधिकार को भी नकार दिया था. इसमें कहा गया था कि चीन को नाइन-डैश लाइन के अधीन रहते हुए इस क्षेत्र पर अधिकार जताने का हक नहीं है. दक्षिण चीन सागर में तेल और प्राकृतिक गैस के प्रचुर भंडार है जिसके कारण ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम भी दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करते हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार चीन एवं वियतनाम ने द्विपक्षीय संबंधों द्वारा आपसी सहमति के साथ इस मुद्दे को सुलझाया जायेगा. इसके अतिरिक्त दोनों देशों के नेताओं ने अर्थव्यवस्था और व्यापार, उत्पादन क्षमता, बुनियादी ढांचे और शिक्षा क्षेत्रों पर भी समझौतों पर हस्ताक्षर किये.
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