राज्‍य मंत्री मनसुख मांडविया ने अरुणाचल प्रदेश में प्रथम प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर का शुभारम्भ किया-(17-SEP-2016) C.A

| Saturday, September 17, 2016
केन्द्रीय राज्य मंत्री (रसायन और उर्वरक) मनसुख मांडविया ने ईटानगर के नाहरलगुन में अरुणाचल प्रदेश के पहले प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर का उद्घाटन किया.
इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्याण विभाग और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग के अधीन एक एजेंसी भारतीय फार्मा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (बीपीपीआई) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
पीएमजेएवाई योजना के तहत मंत्रालय देश में इस योजना के माध्यम से अधिक से अधिक स्टोर खोलने हेतु प्रयासरत है.  समझौते के अनुसार अरुणाचल प्रदेश में 84 जन औषधि स्टोर खोले जाएगें.
 
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के बारे में-
  • बाजार में विभिन्‍न कारणों से ब्रांडेड दवाओं के मूल्‍य जेनेरिक दवाओं की तुलना में अधिक हैं, इसी से जनता को राहत दिलाने हेतु प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर का प्रावधान किया गया है.
  • सरकार सस्ती कीमतों पर गुणवत्तायुक्‍त दवाएं उपलब्‍ध कराने हेतु समय-समय पर कई विनियामक और राजकोषीय उपाय अपना चुकी है.
  • सरकार ने 2016-2017 के दौरान प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (पीएमजेएवाई) के तहत 3,000 स्टोर खोलने और जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति को सुनिश्‍चित करने का फैसला किया है.
  • रसायन और उर्वरक मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत जन औषधी योजना को भारतीय फार्मा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (बीपीपीआई) के माध्यम से देशभर में लागू किया जा रहा है.
  • देशभर में 423 जन औषधि स्टोर पहले से ही संचालित हैं.
  • प्रधानमंत्री जन औषधि योजना को बढ़ावा देने हेतु उपलब्धता, स्वीकार्यता, पहुँच क्षमता, सामर्थ्य, जागरूकता और योजना के प्रभावी क्रियान्वयन जैसे महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों पर कार्य किया जा रहा है.
  • प्रधानमंत्री जन औषधि योजना अभियान को बढ़ावा देने के लिए एक बार दी जाने वाली वित्‍तीय सहायता को 2.50 लाख रूपए तक बढ़ा दिया गया है (इनमें एक लाख रूपए साजों-सामान, 50,000 रूपए कम्‍प्‍यूटर, फ्रिज आदि अन्‍य सामाग्री के लिए और 1 लाख रूपए दवाईयों के संचालन के लिए).
  • यह वित्‍तीय सहायता सरकारी अस्पतालों में दुकाने खोलने वाले लोगों और व्यक्तिगत उद्यमियों, गैर सरकारी संगठनों, चैरिटेबल ट्रस्ट आदि को प्रदान की जाती है.

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