भारत 2 अक्टूबर को पैरिस क्लाइमेट अग्रीमेंट पर समझौता करने की घोषणा की-(28-SEP-2016) C.A

| Wednesday, September 28, 2016
CLIप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2016 को घोषणा किया की भारत 2 अक्टूबर को जलवायु परिवर्तन पर हुए 'पेरिस समझौते' का अनुमोदन करेगा. पैरिस अग्रीमेंट को दिसंबर 2015 में अंतिम रूप दिया गया था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जयंती पर अनुमोदन का कारण यह है कि गांधी जी का जीवन कम से कम कार्बन फुटप्रिंट वाला था. इस पर भारत समेत 180 देश हस्ताक्षर किये हैं. अब इन्हें अपने यहां इसकी पुष्टि करनी है.
इससे जुड़ने वाले देशों को उन कदमों पर विचार करना होगा, जिससे ग्लोबल वार्मिंग में औसत बढ़ोतरी 2 डिग्री से ज्यादा न हो. भारत सरकार ने इससे पहले सूचित किया था कि पेरिस जलवायु समझौते पर मुहर लगाने में देरी हो सकती है.
भारत का यह प्रस्ताव परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता न मिलने के बाद आया था.
एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध कर रहे चीन ने अगस्त 2016 में ही पेरिस समझौते पर मुहर लगा दी थी.
पेरिस में हुए समझौते में 196 देश ने हिस्सा लिया था. विश्वभर में होने वाले कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में भारत का 4.5 प्रतिशत हिस्सा है.
भारत को चीन और अमरीका के बाद सबसे ज़्यादा ग्रीनहाउस गैस का प्रसार करने वाला देश है. उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2015 के पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में इस बात पर समझौता हुआ था कि सभी अमीर एवं गरीब देश उत्सर्जन को उस हद तक सीमित रखेंगे जिससे तापमान में औसत बढ़ोत्तरी 2 सेंटीग्रेड से कम रहे.
यह समझौता जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.

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