मोरमुगाओ नामक मिसाइल विध्वंसक जहाज को 17 सितंबर 2016 को मुंबई में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया. यह मिसाइल विध्वंसक प्रोजेक्ट 15बी के तहत नौसेना में शामिल हुआ है.
मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत तैयार किये गये इस विध्वंसक में 68 प्रतिशत स्वदेशी उपकरणों का प्रयोग किया गया है. मोरमुगाओ विशाखापत्तनम श्रेणी का दूसरा युद्धपोत है.
मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत तैयार किये गये इस विध्वंसक में 68 प्रतिशत स्वदेशी उपकरणों का प्रयोग किया गया है. मोरमुगाओ विशाखापत्तनम श्रेणी का दूसरा युद्धपोत है.
मोरमुगाओ की विशेषताएं
• इसका वजन 7300 टन है तथा इसकी लंबाई 163 मीटर है.
• इस युद्धपोत में चार यूक्रेनियन गैस टर्बाइन इंजन लगाये गये हैं जिससे यह 30 नॉट (लगभग 56 किलोमीटर प्रति घंटा) की गति प्राप्त कर सकता है.
• इस युद्धपोत पर 50 नौसेना अधिकारी तथा 250 सेलर तैनात किये जायेंगे.
• मोरमुगाओ युद्धपोत पर बराक 8 लम्बी दूरी की सतह से हवा में मार कर सकने वाली मिसाइल तैनात की जाएगी.
• इस युद्धपोत पर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की जाएगी जिससे समुद्र में 300 किलोमीटर की दूरी तक निशाना साधा जा सकता है.
• गौरतलब है कि इस श्रेणी के पहले पोत “विशाखापत्तनम” को अप्रैल 2015 में नौसेना में शामिल किया गया था.
• इसका वजन 7300 टन है तथा इसकी लंबाई 163 मीटर है.
• इस युद्धपोत में चार यूक्रेनियन गैस टर्बाइन इंजन लगाये गये हैं जिससे यह 30 नॉट (लगभग 56 किलोमीटर प्रति घंटा) की गति प्राप्त कर सकता है.
• इस युद्धपोत पर 50 नौसेना अधिकारी तथा 250 सेलर तैनात किये जायेंगे.
• मोरमुगाओ युद्धपोत पर बराक 8 लम्बी दूरी की सतह से हवा में मार कर सकने वाली मिसाइल तैनात की जाएगी.
• इस युद्धपोत पर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की जाएगी जिससे समुद्र में 300 किलोमीटर की दूरी तक निशाना साधा जा सकता है.
• गौरतलब है कि इस श्रेणी के पहले पोत “विशाखापत्तनम” को अप्रैल 2015 में नौसेना में शामिल किया गया था.
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