राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने 20 सितंबर 2016 को केन-बेतवा परियोजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये को मंजूरी दी. यह भारत में दो नदियों को आपस में जोड़ने की पहली अंतरराजीय परियोजना है.
यह भारत की किसी भी बाघ अभ्यारण्य में आरंभ की जाने वाली पहली परियोजना होगी.
यह भारत की किसी भी बाघ अभ्यारण्य में आरंभ की जाने वाली पहली परियोजना होगी.
केन-बेतवा परियोजना
• इससे सूखे की समस्या से जूझने वाले बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था हो सकेगी तथा मध्य प्रदेश स्थित पन्ना बाघ अभ्यारण्य के 10 प्रतिशत क्षेत्र में पानी उपलब्ध हो सकेगा.
• इस परियोजना के तहत 230 किलोमीटर लम्बी नहर बनाई जाएगी तथा केन एवं बेतवा पर विभिन्न बैराज एवं बांध बनाये जायेंगे.
• यह परियोजना मध्य प्रदेश की 3.5 लाख हेक्टेयर भूमि तथा उत्तर प्रदेश की 14,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई प्रदान करेगी.
• इस परियोजना के मुख्य कार्यक्षेत्र होंगे मकोडिया तथा धुआंधन बांध. इसमें धुआंधन बांध 77 मीटर ऊँचा होगा जो बाघ अभ्यारण्य के 5803 हेक्टेयर क्षेत्र को जलमग्न कर सकेगा.
• मध्य प्रदेश के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, रायसेन एवं विदिशा जिलों में तथा उत्तर प्रदेश महोबा और बाँदा जिलों में सिंचाई, पेयजल तथा उर्जा आपूर्ति में सुधार हो सकेगा.
• इसके अतिरिक्त 10 गांवों के 6388 लोग धुआंधन बांध के कारण विस्थापित होंगे.
• मकोडिया बांध से 28 गांवों के 13499 लोग प्रभावित होंगे.
• इस परियोजना से विभिन्न गांवों एवं आसपास के क्षेत्रों के 17 लाख लोग लाभान्वित होंगे तथा कृषि व्यवस्था में सुधार होगा.
• इससे सूखे की समस्या से जूझने वाले बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था हो सकेगी तथा मध्य प्रदेश स्थित पन्ना बाघ अभ्यारण्य के 10 प्रतिशत क्षेत्र में पानी उपलब्ध हो सकेगा.
• इस परियोजना के तहत 230 किलोमीटर लम्बी नहर बनाई जाएगी तथा केन एवं बेतवा पर विभिन्न बैराज एवं बांध बनाये जायेंगे.
• यह परियोजना मध्य प्रदेश की 3.5 लाख हेक्टेयर भूमि तथा उत्तर प्रदेश की 14,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई प्रदान करेगी.
• इस परियोजना के मुख्य कार्यक्षेत्र होंगे मकोडिया तथा धुआंधन बांध. इसमें धुआंधन बांध 77 मीटर ऊँचा होगा जो बाघ अभ्यारण्य के 5803 हेक्टेयर क्षेत्र को जलमग्न कर सकेगा.
• मध्य प्रदेश के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, रायसेन एवं विदिशा जिलों में तथा उत्तर प्रदेश महोबा और बाँदा जिलों में सिंचाई, पेयजल तथा उर्जा आपूर्ति में सुधार हो सकेगा.
• इसके अतिरिक्त 10 गांवों के 6388 लोग धुआंधन बांध के कारण विस्थापित होंगे.
• मकोडिया बांध से 28 गांवों के 13499 लोग प्रभावित होंगे.
• इस परियोजना से विभिन्न गांवों एवं आसपास के क्षेत्रों के 17 लाख लोग लाभान्वित होंगे तथा कृषि व्यवस्था में सुधार होगा.
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