रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास हेतु रेल मंत्रालय ने केरल में 1 सितंबर, 2016 को केरल सरकार के साथ संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर किए.
संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर रेलवे की ओर से कार्यकारी निदेशक (वर्क्स) एससी जैन और केरल सरकार की ओर से परिवहन एवं राजस्व विभाग (देवास्वोम) में सचिव केआर ज्योतिलाल ने किए.
रेलवे का उद्देश्य मांग के अनुरूप रेल नेटवर्क का विस्तार करना है. रेल मंत्रालय ने रेल संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास हेतु राज्य सरकारों के साथ मिलकर नागरिक हित में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से समझौता किया है.
समझौते की मुख्य बातें-
समझौते की मुख्य बातें-
• भारतीय रेलवे दूर-दराज के स्थानों को जोड़कर और लोगों को एक-दूसरे के करीब लाकर राष्ट्रीय एकता में प्रमुख भूमिका निभा रही है.
• रेलवे लाइन किसी भी क्षेत्र में विकास इंजन की भूमिका निभाती है. रेलवे नेटवर्क के विस्तारीकरण हेतु यह समझौता किया गया है.
• रेलवे बड़ी संख्या में नई लाइनों, आमान परिवर्तन और दोहरीकरण से जुड़ी परियोजनाओं पर काम कर रही है.
• इन परियोजनाओं को पूरा करने हेतु लगभग 3.86 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है. रेलवे सीमित धनराशि की उपलब्धता के साथ अपेक्षाएं पूरी कर रहा है.
• परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के उद्देश्य से रेलवे सकल बजटीय सहायता से इतर अन्य स्रोतों से भी संसाधन जुटाने की कोशिश कर रही है.
• इस मिशन के लिए 10 राज्य सरकारों ने 41 मौजूदा परियोजनाओं की कुल लागत का 25 फीसदी से लेकर 67 फीसदी तक साझा करने पर सहमति जताई है.
• कुछ राज्य निर्माण लागत को साझा करने के अलावा मुफ्त में भूमि भी मुहैया करा रहे हैं.
• विभिन्न राज्यों में रेल लाइनों की बढ़ती मांग और उन्हें बिछाने के लिए धन की बड़ी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्री ने परियोजना विकास, संसाधन जुटाने, भूमि अधिग्रहण, परियोजना क्रियान्वयन और महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं की निगरानी पर ध्यान केंद्रित करने हेतु राज्यों के साथ मिलकर संयुक्त उद्यमों की स्थापना की पहल की है.
• संयुक्त उद्यमों की स्थापना से राज्यों की आवश्यकताओं के अनुरूप अन्य लाभकारी योजनाओं की पहचान करने, परियोजनाओं के वित्त पोषण हेतु अवसरों की तलाश करने, इत्यादि में इससे काफी मदद मिलेगी.
• ओडिशा, हरियाणा, छत्तीसगढ़ एवं गुजरात की सरकारें इस उद्देश्य से रेल मंत्रालय के साथ संयुक्त उद्यम समझौते पर पहले ही हस्ताक्षर कर चुकी हैं.
केरल में रेलवे नेटवर्क की स्थिति-
• रेलवे लाइन किसी भी क्षेत्र में विकास इंजन की भूमिका निभाती है. रेलवे नेटवर्क के विस्तारीकरण हेतु यह समझौता किया गया है.
• रेलवे बड़ी संख्या में नई लाइनों, आमान परिवर्तन और दोहरीकरण से जुड़ी परियोजनाओं पर काम कर रही है.
• इन परियोजनाओं को पूरा करने हेतु लगभग 3.86 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है. रेलवे सीमित धनराशि की उपलब्धता के साथ अपेक्षाएं पूरी कर रहा है.
• परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के उद्देश्य से रेलवे सकल बजटीय सहायता से इतर अन्य स्रोतों से भी संसाधन जुटाने की कोशिश कर रही है.
• इस मिशन के लिए 10 राज्य सरकारों ने 41 मौजूदा परियोजनाओं की कुल लागत का 25 फीसदी से लेकर 67 फीसदी तक साझा करने पर सहमति जताई है.
• कुछ राज्य निर्माण लागत को साझा करने के अलावा मुफ्त में भूमि भी मुहैया करा रहे हैं.
• विभिन्न राज्यों में रेल लाइनों की बढ़ती मांग और उन्हें बिछाने के लिए धन की बड़ी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्री ने परियोजना विकास, संसाधन जुटाने, भूमि अधिग्रहण, परियोजना क्रियान्वयन और महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं की निगरानी पर ध्यान केंद्रित करने हेतु राज्यों के साथ मिलकर संयुक्त उद्यमों की स्थापना की पहल की है.
• संयुक्त उद्यमों की स्थापना से राज्यों की आवश्यकताओं के अनुरूप अन्य लाभकारी योजनाओं की पहचान करने, परियोजनाओं के वित्त पोषण हेतु अवसरों की तलाश करने, इत्यादि में इससे काफी मदद मिलेगी.
• ओडिशा, हरियाणा, छत्तीसगढ़ एवं गुजरात की सरकारें इस उद्देश्य से रेल मंत्रालय के साथ संयुक्त उद्यम समझौते पर पहले ही हस्ताक्षर कर चुकी हैं.
केरल में रेलवे नेटवर्क की स्थिति-
• केरल में रेलवे नेटवर्क का घनत्व वर्तमान में 2.70 किलोमीटर प्रति 100 वर्ग किलोमीटर है, जो 2.01 किलोमीटर प्रति 100 वर्ग किलोमीटर के राष्ट्रीय औसत से अधिक है.
• रेलवे केरल राज्य के कोच्चिएवं एर्नाकुलम स्टेशनों के पुनर्विकास पर भी काम कर रही है.
• पूरे देश में रेलवे नेटवर्क के घनत्व को बेहतर करने की जरूरत है और इस दिशा में राज्यों का सहयोग सराहनीय कदम है.
• इन संयुक्त उद्यमों से जुड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने से केरल राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास में काफी मदद मिलेगी.
• वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2016-17 तक की अवधि के दौरान रेल बजट में केरल के लिए औसत परिव्यय 821.0 करोड़ रुपये रहा.
• जो वर्ष 2009-10 से लेकर वर्ष 2013-14 तक की अवधि के दौरान दर्ज किए गए 371.9 करोड़ रुपये के औसत परिव्यय से 121 फीसदी अधिक है.
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु के अनुसार इस तरह का संयुक्त उद्यम समझौता राष्ट्र के विकास के लिए सहकारी संघवाद का सर्वोत्तम उदाहरण है.
• रेलवे केरल राज्य के कोच्चिएवं एर्नाकुलम स्टेशनों के पुनर्विकास पर भी काम कर रही है.
• पूरे देश में रेलवे नेटवर्क के घनत्व को बेहतर करने की जरूरत है और इस दिशा में राज्यों का सहयोग सराहनीय कदम है.
• इन संयुक्त उद्यमों से जुड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने से केरल राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास में काफी मदद मिलेगी.
• वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2016-17 तक की अवधि के दौरान रेल बजट में केरल के लिए औसत परिव्यय 821.0 करोड़ रुपये रहा.
• जो वर्ष 2009-10 से लेकर वर्ष 2013-14 तक की अवधि के दौरान दर्ज किए गए 371.9 करोड़ रुपये के औसत परिव्यय से 121 फीसदी अधिक है.
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु के अनुसार इस तरह का संयुक्त उद्यम समझौता राष्ट्र के विकास के लिए सहकारी संघवाद का सर्वोत्तम उदाहरण है.
0 comments:
Post a Comment