केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 सितंबर 2016 को भारत एवं स्विट्ज़रलैंड के मध्य द्विपक्षीय तकनीकी समझौते को मंजूरी प्रदान की. इसके तहत दोनों देशों के नागरिकों की पहचान करना तथा उनकी सुरक्षित वापसी शामिल है.
यह समझौता राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा मुक्त समझौते से संबंधित है.
यह समझौता राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा मुक्त समझौते से संबंधित है.
समझौते के प्रमुख बिंदु
• इसका उद्देश्य दोनों देशों के अनियमित प्रवासियों की सुरक्षित वापसी को बिना किसी अतिरिक्त दायित्वों के साथ आरंभ करने एवं मौजूदा प्रक्रिया को औपचारिक रूप देना है.
• इससे वैध भारतीय यात्रियों के लिए पुनः प्रवेश समझौते (आरए) के तहत वीज़ा व्यवस्था को लचीला बनाने में सहायता मिलेगी.
• इस समझौते को अन्य यूरोपियन संघ के देशों के साथ टेम्पलेट के रूप में उपयोग किया जा सकेगा क्योंकि यह देश भी नियमित रूप से इसी तरह के मुद्दे उठा रहे हैं.
• प्रवास और गतिशीलता (सीएएमएम) पर हाल ही में जारी किये गये भारत-यूरोपियन यूनियन एजेंडा में इसे एक महत्वपूर्ण लक्ष्य के रूप में परिकल्पित किया गया.
• इसका उद्देश्य दोनों देशों के अनियमित प्रवासियों की सुरक्षित वापसी को बिना किसी अतिरिक्त दायित्वों के साथ आरंभ करने एवं मौजूदा प्रक्रिया को औपचारिक रूप देना है.
• इससे वैध भारतीय यात्रियों के लिए पुनः प्रवेश समझौते (आरए) के तहत वीज़ा व्यवस्था को लचीला बनाने में सहायता मिलेगी.
• इस समझौते को अन्य यूरोपियन संघ के देशों के साथ टेम्पलेट के रूप में उपयोग किया जा सकेगा क्योंकि यह देश भी नियमित रूप से इसी तरह के मुद्दे उठा रहे हैं.
• प्रवास और गतिशीलता (सीएएमएम) पर हाल ही में जारी किये गये भारत-यूरोपियन यूनियन एजेंडा में इसे एक महत्वपूर्ण लक्ष्य के रूप में परिकल्पित किया गया.
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