ब्रिटेन, यूनाइटेड किंगडम (यूके) और ईरान ने 2011 के बाद पहली बार सितंबर 2016 में एक-दूसरे के देश में राजदूत नियुक्त किए. दोनों देशों के बीच यह नियुक्ति राजनयिक संबंधों की बहाली के तौर पर देखी जा रही है.
- मध्य पूर्व के विशेषज्ञ, कतर और यमन में ब्रिटिश के पूर्व राजदूत निकोलस होप्तन को ईरान में ब्रिटेन के राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया.
- दूसरी ओर, हामिद बैइदीनिजाद ईरान में परमाणु वार्ता की टीम प्रमुख को ब्रिटेन में ईरान के राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया.
- दोनों देशों के नव नियुक्त राजदूतों ने अपने- अपने प्रत्यय पत्र एक दूसरे देशों के विदेश मंत्रियों को सौंपे.
- तत्कालीन ब्रिटिश विदेश मंत्री फिलिप हैमंड द्वारा अगस्त 2015 में दूतावास फिर से खोल दिया गया.
- दोनों देशों के मध्य राजदूत स्तर पर संबंध पुन: बहाल हो गए.
- इससे पहले ईरान और ब्रिटेन के उच्च अधिकारियों के बीच कई बार वार्ता की गयी.
- नवंबर, 2011 में ईरान और ब्रिटेन के संबंध उस समय टूट गये थे जब ईरान के आंतरिक मामलों में ब्रिटेन के हस्तक्षेप के कारण कुछ विरोधी तत्व तेहरान स्थित ब्रिटेन दूतावास में प्रविष्ट हो गये. प्रदर्शनकारियों द्वारा धावा बोल दिया और तोड़फोड़ किए जाने के बाद तेहरान में ब्रिटिश दूतावास बंद कर दिया गया.
- बाद में ब्रिटेन ने भी लंदन में ईरानी दूतावास को बंद करने के आदेश जारी कर दिए.
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