केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम को और प्रभावी बनाने के लिए विदेशी निवेशको को स्थायी रूप से रहने का दर्जा - (पीआरएस) देने की योजना को सशर्त मंजूरी प्रदान कर दी है.
पीआरएस योजना के मुख्य तथ्य-
- इसके अन्तर्गत सरकार द्वारा समय-समय पर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की नीति के बारे में जारी की गई समुचित शर्तों का पालन करना होगा.
- इस योजना से भारत में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और मेक इन इंडिया कार्यक्रम को लागू करने में सुविधा होगी.
- योजना के तहत विदेशी निवेशकों को पीआरएस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वीजा मैनुअल में समुचित व्यवस्थाएं शामिल की जायेंगी.
- पीआरएस दस वर्ष के लिए दिया जायेगा और वीजा धारक कई बार भारत में प्रवेश कर सकेंगे.
- पीआरएस प्राप्त करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की गई है तो अगले दस वर्ष के लिए भी पीआरएस बढ़ाने के उद्देश्य से इसकी समीक्षा की जा सकती है.
- इस योजना का लाभ लेने के लिए विदेशी निवेशक को 18 महीने के भीतर दस करोड़ रूपये का न्यूनतम निवेश या 36 महीने के भीतर 25 करोड़ का निवेश करना होगा.
- इसके अलावा विदेशी निवेश ऐसा होना चाहिए जिससे प्रत्येक वित्त वर्ष में कम से कम ऐसे बीस भारतीयों को रोजगार मिलना चाहिए जो भारत में ही रहते हों.
- पीआरएस प्राप्त करने वाले व्यक्ति को भारत में रहने के लिए एक मकान खरीदने की अनुमति भी दी जायेगी.
- इससे विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देने और मेक इन इंडिया कार्यक्रम लागू करने में मदद मिलेगी.
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