यूरोप एवं रूस ने 14 मार्च 2016 को संयुक्त रूप से कजाखिस्तान से एक मानवरहित अन्तरिक्ष यान, एक्सोमार्स 2016, प्रक्षेपित किया. यह यान मंगल ग्रह के वातावरण में गैसों की मौजूदगी के सबूत ढूंढने की कोशिश करेगा और यह पता लगाएगा कि क्या वहां कभी जीवन था या अभी भी वहां जीवन है.
दो चरणीय मंगल खोज अभियान के पहले चरण एक्सोमार्स-2016 में रूस के प्रोटोन रॉकेट कजाखिस्तान प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित किया गया.
दो चरणीय मंगल खोज अभियान के पहले चरण एक्सोमार्स-2016 में रूस के प्रोटोन रॉकेट कजाखिस्तान प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित किया गया.
मिशन एक्सोमर्स
यह मिशन दो चरणों में तय किया गया है, इसके पहले चरण में बेहद उच्च तकनीकी उपकरणों से लैस ट्रेस गैस आर्बिटर या टीजीओ 308 मिलियन मील की दूरी तय कर 19 अक्तूबर को लाल ग्रह पर पहुंचेगा. इसका मुख्य कार्य मंगल के फोटो लेना और इसकी हवा का विश्लेषण करना है. टीजीओ अपने साथ एक मार्स लैंडर श्चियापारेली को भी लेकर गया है.
इसके दूसरे चरण में वर्ष 2018 में मार्स रोवर को प्रक्षेपित किया जायेगा लेकिन धन की कमी के चलते इसमें देरी होने की संभावना है। ईएसए के एक दस्तावेज के अनुसार, लेकिन पहला चरण योजना के अनुरूप तथा बड़ी उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रहा है। यह पता लगाएगा कि मंगल पर आज भी जीवन है.
वर्तमान में मंगल ग्रह पर दो रोवर कार्यरत हैं. यह दोनों रोवर हैं क्यूरोसिटी एवं ओपोर्च्युनिटी जिन्हें अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा भेजा गया.
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