सर्विसेज ने 13 मार्च 2016 को नागपुर में खेले गए संतोष ट्रॉफी फुटबॉल चैम्पियनशिप के 70वें संस्करण के फाइनल मुकाबले में महाराष्ट्र को 2-1 से हराकर ख़िताब जीता.
एसईसी रेलवे स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में 11 मिनट के अंतराल पर किए गए दो गोलों की मदद से सर्विसेज़ ने जीत हासिल की.
सर्विसेज़ को पांचवां खिताब दिलाने की दिशा में अर्जुन टुडु ने दो गोल किए. टुडु ने यह गोल 26वें और 37वें मिनट में गोल किए जबकि महाराष्ट्र के लिए मोहम्मद शाहबाज ने एकमात्र गोल किया. यह गोल 15वें मिनट हुआ था.
यह खिताब जीतने पर सर्विसेज को पांच लाख रुपये का पुरस्कार मिला जबकि महाराष्ट्र को तीन लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया.
एसईसी रेलवे स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में 11 मिनट के अंतराल पर किए गए दो गोलों की मदद से सर्विसेज़ ने जीत हासिल की.
सर्विसेज़ को पांचवां खिताब दिलाने की दिशा में अर्जुन टुडु ने दो गोल किए. टुडु ने यह गोल 26वें और 37वें मिनट में गोल किए जबकि महाराष्ट्र के लिए मोहम्मद शाहबाज ने एकमात्र गोल किया. यह गोल 15वें मिनट हुआ था.
यह खिताब जीतने पर सर्विसेज को पांच लाख रुपये का पुरस्कार मिला जबकि महाराष्ट्र को तीन लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया.
संतोष ट्रॉफी
इसका आरंभ वर्ष 1941 में वार्षिक फुटबॉल टूर्नामेंट के रूप में हुआ. इसे राज्य एवं सरकारी संस्थाओं के बीच खेला जाता है. वर्ष 1996 में नेशनल फुटबॉल लीग आरंभ होने से पहले यह देश का प्रसिद्ध फुटबॉल मुकाबला था. इसका पहला मुकाबला बंगाल ने जीता, बंगाल अब तक सबसे अधिक 31 मुकाबले जीत चुका है.
ट्रॉफी का नाम संतोष (अब बंगाल में) के महाराजा सर मनमथ नाथ रॉय चौधरी के नाम पर रखा गया. वे भारतीय फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष थे.
रनर अप को डॉ एस के गुप्ता की पत्नी की याद में आरंभ की गयी कमला गुप्ता ट्रॉफी दी जाती है. जबकि तीसरे स्थान पर रहने वाले को मैसूर फुटबॉल एसोसिएशन की ओर से संपंगी कप दिया जाता है. संपंगी मैसूर के प्रसिद्ध फुटबॉलर थे.
इसका आरंभ वर्ष 1941 में वार्षिक फुटबॉल टूर्नामेंट के रूप में हुआ. इसे राज्य एवं सरकारी संस्थाओं के बीच खेला जाता है. वर्ष 1996 में नेशनल फुटबॉल लीग आरंभ होने से पहले यह देश का प्रसिद्ध फुटबॉल मुकाबला था. इसका पहला मुकाबला बंगाल ने जीता, बंगाल अब तक सबसे अधिक 31 मुकाबले जीत चुका है.
ट्रॉफी का नाम संतोष (अब बंगाल में) के महाराजा सर मनमथ नाथ रॉय चौधरी के नाम पर रखा गया. वे भारतीय फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष थे.
रनर अप को डॉ एस के गुप्ता की पत्नी की याद में आरंभ की गयी कमला गुप्ता ट्रॉफी दी जाती है. जबकि तीसरे स्थान पर रहने वाले को मैसूर फुटबॉल एसोसिएशन की ओर से संपंगी कप दिया जाता है. संपंगी मैसूर के प्रसिद्ध फुटबॉलर थे.
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