इसरो ने तिरुपति में गिरी राडार प्रणाली स्थापित की-(26-MAR-2016) C.A

| Saturday, March 26, 2016
इसरो ने 21 मार्च 2016 को आंध्रप्रदेश के तिरुपति में गान्दकी आयनमंडलीय राडार इंटरफेरोमीटर (गिरी) की स्थापना की है.
राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला में आयनमंडलीय उल्का तथा अंतरिक्ष अनुसंधान हेतु एक नई व्यापक राडार प्रणाली गान्दकी आयनमंडलीय राडार इंटरफेरोमीटर (गिरी) की स्थापना की गई.

गादंकी आयनमंडलीय राडार इंटरफेरोमीटर (गिरी) के बारे में 

• इसमें 30 मेगा हर्ट्ज की राडार प्रणाली है जिससे व्यापक स्तर पर आयन मंडलीय उल्का तथा अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य किया जा सकता है.

• इसमें 20 x 8 मैट्रिक्स  के 160 दो-अवयव वाले यागी ऐन्टेकना आयतीय एंटीना व्यूह लगे हुए हैं.इसके अतिरिक्त यह 160 कि.वा. का अधिकतम पावर प्रदान करने वाले बीस ट्रांसमीटर यूनिट, आँकड़ा संसाधन प्रणाली से युक्त छ: अंकीय अभिग्राही, एक राडार नियंत्रक तथा एक होस्टस कंप्यू़टर से सुसज्जित है.

• इसका मुख्य उद्देश्य आयनमंडलीय विसंगतियों पर सूर्य से (उदाहरणतः सौर फ्लक्स्, सौर स्फुरण, चुंबकीय तूफान में परिवर्तन) तथा नीचे वायुमंडल से (उदाहरणस्वरुप - मौसम की घटना द्वारा जनित तरंगें) आने वाले बल के अध्यपयन हेतु गैर- अवलोकित प्रेक्षणों को आयोजित करना है.
• गान्दकी  के आस-पास 100 देशांतर की पट्टी को आवृत्त करते हुए आयनमंडलीय विसंगतियों के आकाशीय मानचित्र प्रदान करना.
• ध्रुवीकरण प्रक्रिया तथा अतिध्वनिक प्लाज्मा प्रवाह के अध्ययन हेतु तरंगदैर्ध्य- (10 मी.) के माध्यम से तथा द्वि-स्पंद तकनीक द्वारा डॉप्लर वेग का मापन करना.
• इलेक्ट्रो स्टैटिक प्रक्षोभ के भिन्न-भिन्न  क्षेत्रों का अध्ययन करते हुए आवधिक स्पंदन स्कीम के साथ व्यापक लक्ष्यों के डाप्लर स्पेक्ट्रम की माप कर उसके विषय में जानकारी प्रदान करना.
• इंटरफेरोमेटरी तकनीक का उपयोग करते हुए विसंगतियों के क्षेत्रीय अपवाह को मापना.
• लघु संरचनाओं तथा उनकी गति की इन-बीम इंटरफेरोमेट्रिक प्रतिबिंब प्रदर्शित करना 

राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला के बारे में

• यह अंतरिक्ष विभाग द्वारा सहायता प्राप्त स्वायत्त सामाजिक संस्थान है.
• यह आंध्रप्रदेश के तिरुपति के समीप गान्दकी में स्थित है.
• यह देश में मौसम और जलवायु मॉडलिंग के लिए बुनियादी वायुमंडलीय अनुसंधान, स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास तथा वायुमंडलीय अनुसंधान के विकास
का संचालन करने वाली संस्थाओं में से एक है.
• यह नियमित रूप से राज्य के अत्याधुनिक एमएसटी रडार, रेल / एमआईइ राडार, सीमा परत राडार, सोडियम राडार, लोअर वायुमंडलीय हवा प्रोफाइलर, और दोहरी आवृत्ति की जीपीएस रिसीवर को संचालित करता है.
• वायुमंडलीय अनुसंधान का संचालन करने हेतु इसकी सुविधाएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के लिए उपलब्ध हैं.
• आई एस आर अपग्रेड के कारण यह दुनिया का पहला व्यापक कम अक्षांश वाला वेधशाला बन जायेगा.

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