राष्ट्रीय जलमार्ग विधेयक, 2015 राज्यसभा में पारित-(12-MAR-2016) C.A

| Saturday, March 12, 2016
राज्यसभा ने राष्ट्रीय जलमार्ग विधेयक, 2015 सर्वसम्मति से 9 मार्च 2016 को को पारित किया.
यह विधेयक केंद्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा पेश किया गया. इस विधेयक के तहत देश के 106 जलमार्गो को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित करने का प्रावधान है.
देश में वर्तमान में पांच राष्ट्रीय जलमार्ग हैं. राज्यसभा ने राष्ट्रीय जलमार्ग विधेयक 2015 को र्चचा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले यह विधेयक 22 दिसंबर 2015 को लोकसभा में पारित हो चुका है.
गौरतलब है कि चीन तथा यूरोप के कई देशों में माल के कुल परिवहन में जलमार्ग के जरिए होने वाले परिवहन की भागीदारी करीब 40 प्रतिशत है, जबकि भारत में इसकी वर्तमान भागीदारी साढ़े तीन प्रतिशत है.
  • मौजूदा पांच राष्ट्रीय जलमार्गो में 106 अतिरिक्त जलमार्गो के शामिल करने के बाद कुल राष्ट्रीय जलमार्गो की संख्या111 हो जाएगी.
  • इन राष्ट्रीय जल मार्गों की घोषणा से भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) को इन खंडों के लिए शिपिंग और नौवहन के लिए प्रयोग करने में सहायता मिलेगी.
  • भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) वित्तीय संसाधनों को एकत्र कर राष्ट्रीय जलमार्गों के विभिन्न खंडों को शिपिंग और नौवहन के लिए विकसित करेगा.
  • प्रत्येक जल मार्ग के लिए आईडब्ल्यूएआई द्वारा किए गए तकनीकी आर्थिक अध्ययन के आधार पर ही आर्थिक निर्णय लिए जा सकेंगे.
  • इस योजना के माध्यम से देश में माल ढुलाई, यात्रा आदि उद्देश्यों की पूर्ति के साथ-साथ पर्यटन के विकास में भी विशेष सहायता मिलेगी.
पृष्ठभूमि
अंतर्देशीय जल परिवहन ईंधन गुणवत्ता के बिंदु से परिवहन का सबसे सस्ता माध्यम माना जाता है. एक हॉर्सपावर से जहां सड़क क्षेत्र से सिर्फ 150 किलो और रेलमार्ग से 500 किलो भार ढोया जा सकता है, वहीं जल क्षेत्र में 4 हजार किलो भार ढोया जा सकता है.
विश्व बैंक द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार जहां जलमार्ग में एक लीटर ईंधन द्वारा 105 टन-किलो मीटर ले जाया जा सकता है, वहीं रेल द्वारा 85 टन-किलो मीटर और सड़क मार्ग द्वारा सिर्फ 24 टन-किलो मीटर माल ढोया जा सकता है. अध्ययन से पता चला है कि जलमार्गों द्वारा माल ढोये जाने के दौरान जहाजों से प्रति टन-किलो मीटर 32 से 36 ग्राम कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन होता है, वहीं सड़क परिवहन (भारी वाहन) में इसकी मात्रा बढ़कर 51 से 91 ग्राम कार्बन डाइआक्साइड प्रति टन-किलो मीटर हो जाती है.

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