शहनाई वादक अली अहमद हुसैन खान का 16 मार्च 2016 को 77 वर्ष की उम्र में कोलकाता में निधन हो गया. वे बिस्मिलाह खान के बाद शहनाई वादक के तौर पर भारत में सबसे ज्यादा मशहूर थे.
संबंधित मुख्य तथ्य:
• वर्ष 2012 में पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें ‘बंगभूषण’ पुरस्कार से पुरस्कृत किया.
• शहनाई संगीत में बनारस घराने से ताल्लुक रखने वाले हुसैन को उनके योगदान के लिए वर्ष 2009 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था.
• उनकी दक्षता क्लासिकल, सेमी क्लासिकल और लोकसंगीत में थी.
• उन्होंने दूरदर्शन के वर्ष 1973 के उद्घाटन कार्यक्रम में शहनाई बजाई थी.
• ऑल इंडिया रेडियो के शीर्ष कलाकारों में शुमार हुसैन खान आईटीसी संगीत शोध अकादमी में पढ़ाते भी थे.
• वर्ष 2012 में पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें ‘बंगभूषण’ पुरस्कार से पुरस्कृत किया.
• शहनाई संगीत में बनारस घराने से ताल्लुक रखने वाले हुसैन को उनके योगदान के लिए वर्ष 2009 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था.
• उनकी दक्षता क्लासिकल, सेमी क्लासिकल और लोकसंगीत में थी.
• उन्होंने दूरदर्शन के वर्ष 1973 के उद्घाटन कार्यक्रम में शहनाई बजाई थी.
• ऑल इंडिया रेडियो के शीर्ष कलाकारों में शुमार हुसैन खान आईटीसी संगीत शोध अकादमी में पढ़ाते भी थे.
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