म्यामांर की संसद ने 53 वर्ष के सैन्य शासन के बाद 15 मार्च 2016 को पहले असैन्य राष्ट्रपति के रुप में हीन क्याव को निर्वाचित किया. गौरतलब है कि म्यामांर में वर्ष 1962 से आर्मी शासन लागू था.
वह नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी के नेता आंग सान सू की के करीबी और सलाहकार थे. उन्हें संसद के दोनों सदनों के कुल 652 में से 360 वोट मिले. उन्होंने अपनी ही पार्टी एनएलडी के कैंडिडेट हेनरी वान थियो को हराया, जिन्हें 79 वोट मिले. आर्मी की ओर से नामांकित मिंट स्वे को 213 वोट मिले.
हीन क्याव से कम वोट पाने वाले शेष दो उम्मीदवार उपराष्ट्रपति बनेगें. क्याव, थीन सीन का स्थान लेगें, जिन्होंने मार्च 2016 के अंत में सेना समर्थित शासन के पांच वर्ष के बाद पद छोड़ दिया था.
हीन क्याव एक जटिल प्रणाली के तहत चुने गए. सू की की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के पास दोनों सदनों में भारी बहुमत है, लेकिन अब भी म्यांमार में पूरा लोकतंत्र नहीं है. सेना ने लोकतंत्र पर अपनी पकड़ बनाए रखी है, जिसके सहारे संसद में एक चौथाई सांसद सेना द्वारा चुने जाते हैं.
म्यांमार में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया:
म्यांमार में राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होता है. इसके लिए तीन सदस्यों को नामांकित किया जाता है. निचले सदन, ऊपरी सदन और सेना की ओर से अलग-अलग उम्मीदवार खड़े किए जाते हैं. इसके बाद दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में मतदान होता है. सबसे ज्यादा मत पाने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति बनता है, हारने वाले प्रत्याशी उप राष्ट्रपति होते हैं. राष्ट्रपति कैबिनेट का गठन करते हैं.
म्यांमार में राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होता है. इसके लिए तीन सदस्यों को नामांकित किया जाता है. निचले सदन, ऊपरी सदन और सेना की ओर से अलग-अलग उम्मीदवार खड़े किए जाते हैं. इसके बाद दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में मतदान होता है. सबसे ज्यादा मत पाने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति बनता है, हारने वाले प्रत्याशी उप राष्ट्रपति होते हैं. राष्ट्रपति कैबिनेट का गठन करते हैं.
पृष्ठभूमि
आंग सान सू की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने 8 नवंबर, 2015 को म्यांमार में संपन्न हुए राष्ट्रीय आम चुनाव में पूर्ण बहुमत प्राप्त किया. नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की नेता आंग सान सू की राष्ट्रपति के लिए नामांकन नहीं कर सकती क्योंकि सू की के बच्चों के पास म्यांमार की नागरिकता नहीं है.
आंग सान सू की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने 8 नवंबर, 2015 को म्यांमार में संपन्न हुए राष्ट्रीय आम चुनाव में पूर्ण बहुमत प्राप्त किया. नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की नेता आंग सान सू की राष्ट्रपति के लिए नामांकन नहीं कर सकती क्योंकि सू की के बच्चों के पास म्यांमार की नागरिकता नहीं है.
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