भारतीय मानक ब्यूरो विधेयक 2015 राज्यसभा में पारित-(10-MAR-2016) C.A

| Thursday, March 10, 2016
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) विधेयक, 2015 राज्यसभा में 8 मार्च 2016 को पारित हो गया. यह विधेयक वर्तमान बीआईएस अधिनियम-1986 की जगह लेगा, जिसमें उत्पादों को अनिवार्य मानक व्यवस्था के तहत लाने सहित विभिन्न प्रावधान है.
इस विधेयक में स्वास्थ्य, पर्यावरण, आदि से बचाव के लिए अनिवार्य प्रमाणन का प्रावधान किया गया. इस विधेयक में वस्तु, प्रसंस्करण, पद्धति और सेवाओं के मानकीकरण, एकरूपता निर्धारण और गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं विकास जैसे कार्यो के लिए एक राष्ट्रीय मानक निकाय स्थापित करने का प्रावधान है.
इससे पहले, यह विधेयक 3 दिसंबर, 2015 को लोक सभा में पारित किया गया था. यह विधेयक केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान द्वारा 7 अगस्त, 2015 को लोकसभा में पेश किया गया.
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) विधेयक, 2015 के मुख्य उद्देश्य 
•    भारतीय मानक ब्यूूरो (बीआईएस) को भारत की राष्ट्री्य मानक संस्था के रूप में स्थापित करना.
•    ब्यूरो अपने कार्यकलापों को गवर्निंग काउंसिल के माध्यम से कार्यान्वित करेगा, जिसमें अध्यक्ष और अन्य सदस्य शामिल होंगे,
•    सामग्री और प्रक्रियाओं के अलावा वस्तुओं, सेवाओं और प्रणालियों को मानक तंत्र के दायरे में लाना.
•    सरकार को स्वास्थ्यल, रक्षा, पर्यावरण, भ्रामक पद्धतियों से बचाव, सुरक्षा आदि के दृष्टिकोण से आवश्यक समझी जाने वाली सामग्री, प्रक्रियाओं अथवा सेवाओं को अनिवार्य प्रमाणन व्यवस्था  के दायरे में लाने में सक्षम बनाना. 
•    कीमती धातु सामग्री के अनिवार्य प्रमाणन को लागू करने में सक्षम बनाना.
•    बेहतर एवं प्रभावी अनुपालन और उल्लंघन के अपराधों के लिए दंड प्रावधानों को सशक्त बनाना
•    मानक चिन्ह वाले, लेकिन भारतीय मानकों के प्रति अनुरूपता नहीं रखने वाले उत्पादों के उत्पााद उत्तरदायित्व  सहित, उन्हें वापस बुलाने का प्रावधान
•    भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 को निरस्त करना

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