भारत ने 9 मार्च 2016 को बांग्लादेश को 2 अरब डॉलर की ऋण सहायता देने के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसका उद्देश्य दोनों देशों के मध्य सामाजिक-आर्थिक विकास करना एवं दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध सुधारना है.
भारत द्वारा किसी भी देश को दी गयी अब तक की सबसे बड़ी ऋण सहायता है.
इस पर बांग्लादेश स्थित ढाका में हस्ताक्षर किये गये जिसमें एक्सिम बैंक के निदेशक एवं प्रबंधक यादुवेंद्र माथुर एवं बांग्लादेश सरकार के वित्त्र मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव मोहम्मद मेजाह्बुद्दीन शामिल थे.
इस संबंध में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2015 में बांग्लादेश यात्रा के दौरान घोषणा की थी.
भारत द्वारा किसी भी देश को दी गयी अब तक की सबसे बड़ी ऋण सहायता है.
इस पर बांग्लादेश स्थित ढाका में हस्ताक्षर किये गये जिसमें एक्सिम बैंक के निदेशक एवं प्रबंधक यादुवेंद्र माथुर एवं बांग्लादेश सरकार के वित्त्र मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव मोहम्मद मेजाह्बुद्दीन शामिल थे.
इस संबंध में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2015 में बांग्लादेश यात्रा के दौरान घोषणा की थी.
समझौते के प्रमुख बिंदु
• यह एक्सिम बैंक द्वारा किसी भी देश को दिया गया सबसे बड़ा ऋण है.
• अब तक एक्सिम बैंक बांग्लादेश को दो बार ऋण दे चुका है जिससे ऋण का कुल योग 2.862 अरब डॉलर हो गया.
• भारत ने इससे पहले वर्ष 2010 में बांग्लादेश को 1 बिलियन डॉलर का ऋण दिया था.
• वर्ष 2010 में दी गयी ऋण सहायता का उपयोग संचार संबंधी ढांचागत सुविधा में किया गया था.
• बाद में इस 200 मिलियन डॉलर की राशि को ग्रांट में बदल दिया गया एवं ऋण की राशि को 800 मिलियन कर दिया गया.
• इस दूसरे ऋण का उपयोग बांग्लादेश में सामाजिक एवं विकास परियोजनाओं पर खर्च किया जायेगा जिसमें रेलवे, रोड, ट्रांसपोर्ट एवं सूचना प्रसारण आदि शामिल हैं.
पहले जारी की गयी 862 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि में निम्न परियोजनाओं का विकास शामिल था:
• बसों, इंजन, यात्री कोच, प्रयोगशाला के उपकरण और अन्य रोलिंग स्टॉक की खरीद.
• दूसरे भैरब एवं दूसरे टाईटस पुलों का निर्माण, ढाका टोंगी अनुभाग और टोंगी-जॉयदेबपुर, बांग्लादेश रेलवे के कुलारा-शाहबाजपुर खंड के बीच गेज ट्रैक का दोहरीकरण.
• यह एक्सिम बैंक द्वारा किसी भी देश को दिया गया सबसे बड़ा ऋण है.
• अब तक एक्सिम बैंक बांग्लादेश को दो बार ऋण दे चुका है जिससे ऋण का कुल योग 2.862 अरब डॉलर हो गया.
• भारत ने इससे पहले वर्ष 2010 में बांग्लादेश को 1 बिलियन डॉलर का ऋण दिया था.
• वर्ष 2010 में दी गयी ऋण सहायता का उपयोग संचार संबंधी ढांचागत सुविधा में किया गया था.
• बाद में इस 200 मिलियन डॉलर की राशि को ग्रांट में बदल दिया गया एवं ऋण की राशि को 800 मिलियन कर दिया गया.
• इस दूसरे ऋण का उपयोग बांग्लादेश में सामाजिक एवं विकास परियोजनाओं पर खर्च किया जायेगा जिसमें रेलवे, रोड, ट्रांसपोर्ट एवं सूचना प्रसारण आदि शामिल हैं.
पहले जारी की गयी 862 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि में निम्न परियोजनाओं का विकास शामिल था:
• बसों, इंजन, यात्री कोच, प्रयोगशाला के उपकरण और अन्य रोलिंग स्टॉक की खरीद.
• दूसरे भैरब एवं दूसरे टाईटस पुलों का निर्माण, ढाका टोंगी अनुभाग और टोंगी-जॉयदेबपुर, बांग्लादेश रेलवे के कुलारा-शाहबाजपुर खंड के बीच गेज ट्रैक का दोहरीकरण.
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