छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने बजट 2016-17 प्रस्तुत किया-(11-MAR-2016) C.A

| Friday, March 11, 2016
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 9 मार्च 2016 को विधानसभा में वार्षिक राज्य बजट 2016-17 प्रस्तुत किया. यह उनके द्वारा प्रस्तुत लगातार 10वां बजट है, क्योंकि राज्य सरकार में वित्त मंत्रालय भी उन्ही के पास है.
  • प्रस्तुत बजट में कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर, और सामाजिक क्षेत्र पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.
  • वर्ष 2016-17 की वार्षिक विकास योजना के लिए 70056 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया गया. अनुमान के अनुसार राजकोषीय वर्ष 2016-17 बजट में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का अनुमान 7.6 प्रतिशत आंका गया है.
बजट के मुख्य आकर्षण-
  •  विकास की बुनियाद के सात प्रमुख स्तम्भ: किसान, समावेशी विकास, संचार, स्वास्थ्य, सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और क्षमता निर्माण
  •  बुनियादी सुविधाओं के लिए पूंजीगत व्यय: इस क्षेत्र में बजट की हिस्सेदारी 18.6 प्रतिशत बढाई गयी. वित्त वर्ष 2015-16 में यह 16.9 प्रतिशत थी.
  •  सामाजिक क्षेत्र में व्यय: इस में 16 से अधिक प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी. बजट में अपनी हिस्सेदारी के साथ इसे 37% से बढ़ाकर 40% तक किया गया.
  •  कृषि विभाग का बजट: इसमे 26 प्रतिशत की वृद्धि की गयी.
इन्फ्रास्ट्रक्चर-

A) सड़क नेटवर्क का विकास: सरकार ने अगले तीन वर्षों के दौरान 42000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 13000 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण करने की योजना की घोषणा की. इस के लिए बड़े पैमाने पर 6101 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया गया जो पूर्व वर्ष की तुलना में 56% की वृद्धि है.

B) रेल नेटवर्क का विस्तार: सरकार ने तीन मुख्य मार्गों अर्थात् रायपुर- बलोदा बाजार-झारसुगुडा, अंबिकापुर-बरवाडीह और डोंगरगढ़ कवर्धा-  मुंगेली-बिलासपुर-कटघोरा के बीच 780 किलोमीटर की दूरी की रेलवे लाइनों को  विकसित करने का फैसला किया है. इस योजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) रणनीति के तहत रेलवे और राज्य सरकार की ओर से इक्विटी निवेश के साथ जारी रखने का विकल्प चुना गया.
C) हवाई अड्डों का विकास: प्रदेश में हवाई अड्डों से नियमित एवं निर्बाध उड़ानों के लिए रायगढ़ और जगदलपुर (बस्तर) हवाई पट्टियों को विकसित करने का लक्ष्य है.
D) बिजली: मार्च 2017 तक प्रदेश के 818 गांव और 9000 से अधिक स्कूलों के विद्युतीकरण का लक्ष्य है. इस कार्य योजना के विद्युतीकरण हेतु 761 करोड़ रुपए प्रदान किया जाएगा. इसके अलावा बस्तर और सरगुजा क्षेत्रों में कुल नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए 700 करोड़ रुपए के परिव्यय का लक्ष्य है. जिसमे दो साल में 80 सब-स्टेशनों की स्थापित किया जाना शामिल है. 

E) शहरी विकास: शहरी विकास योजना के तहत अमृत मिशन हेतु 225 करोड़ रुपये की धन राशि आवंटित की गई. रायपुर के लिए 650 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज प्रणाली को मंजूरी दी गई. हवाई अड्डे और नया रायपुर के लिए सार्वजनिक परिवहन की सुविधा बनाने, रायपुर में यातायात की भीड़ को कम करने हेतु रायपुर-केंद्री रेलवे लाइन के लिए भूमि खरीदने का प्रावधान बनाया गया. नया रायपुर को भी सीवरेज और बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) की तरह  नागरिक को बुनियादी सुविधाओं के लिए बड़ी मात्र में धनराशि  आवंटित की गयी. 

सामाजिक क्षेत्र-

A) स्वास्थ्य: सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए अस्पतालों में 2,400 अतिरिक्त बेड बढाकर कुल क्षमता का 44 प्रतिशत विस्तार करके  व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा. डीकेएस रायपुर अस्पताल परिसर को राज्य में प्रथम पीईटी स्कैन सुविधा सहित अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस कर एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा. बस्तर के लिए पीपीपी मोड के तहत जगदलपुर में 100 बिस्तरों का अस्पताल सह ट्रॉमा सेंटर विकसित किया जाएगा और एक 100 बिस्तरों का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भी एनएमडीसी की मदद से वहाँ स्थापित किया जाएगा. वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य देश में सर्वाधिक समावेशी स्वास्थ्य बीमा योजना चल रहा है, यह राज्य प्रति वर्ष 30,000 रुपये सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करता है.
B) बीमा: मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को 50000 रुपये तक बढ़ाया गया.
C) कुपोषण: कुपोषण का मुकाबला करने के लिए मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत सभी आंगनवाड़ियों में बच्चों को साप्ताहिक रूप से दूध का वितरण किया जाएगा, और चयनित तीन जिलों के सभी प्राथमिक विद्यालयों में सोया दूध के वितरण की घोषणा की.

D) मिशन 2022 के तहत सभी को प्रधानमंत्री आवास: राज्य सरकार सरकारी खजाने से प्रति आवास 4 लाख रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी के रूप में बतौर  अतिरिक्त सहायता प्रदान करेगी. मलिन बस्तियों में पुनर्विकास हेतु (इन- सिटू) आवास लिए 1 लाख रुपये की सब्सिडी प्रति घर पहले से ही प्रदान की जा रही है.
E) शहरी स्वच्छता: सरकारी खजाने के माध्यम से शौचालय निर्माण पर सब्सिडी की धनराशी दोगुनी कर दी गयी है.

F) शिक्षा: सात विश्वविद्यालयों, प्रत्येक को 20 करोड़ रुपए जबकि कृषि और पशुपालन विश्वविद्यालयों को अलग से 40 करोड़ रुपए आवंटित किए गए.
i) प्रदेश के सभी कॉलेजों के सर्वांगीं सुधार हेतु स्वामी विवेकानंद ज्ञानोदय योजना के तहत 84 करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की गई.

ii) आवासीय विद्यालयों में कमजोर वर्ग के छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु विवेकानंद गुरुकुल उन्नयन योजना शुरू की जाएगी.

iii) विभिन्न उद्यमिता विकास योजनाओं जैसे इनक्यूबेटर-सह-एक्सीलरेटर, स्टार्टअप्स के लिए ब्याज मुक्त ऋण और एक उद्यम पूंजी निधि से युवा   लाभार्थियों लाभान्वित होंगे.

iv) आईटी और बीपीओ सेक्टर में प्रशिक्षित 5000 कॉलेजों के छात्रों के लिए  मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना आरम्भ की गयी. 144 करोड़ रुपए कौशल विकास योजनाओं के लिए आवंटित किए गए.

v) श्यामा प्रसाद मुखर्जी रु-अर्बन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं के विकास हेतु चार समूहों राजनांदगांव, धमतरी, कबीरधाम और बस्तर जिलों की पहचान की गई.

कृषि-

कृषि क्षेत्र में सूखे के कारण उत्पन्न संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार ने सूखा प्रभावित किसानों को मध्यम अवधि ऋणों को ब्याज मुक्त फसली ऋणों में परिवर्तित कर उन्हें आंशिक छूट की सुविधा प्रदान की. इसके अलावा खरीफ मौसम की फसल की बुवाई के लिए उन्नत किस्म का एक क्विंटल बीज मुफ्त में प्रदान करने की घोषणा बजट में की गयी. 

i. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के शुभारम्भ हेतु 200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए.

ii. इस वर्ष सिंचाई परियोजनाओं पर परिव्यय हेतु 173 करोड़ रुपये से बढाकर  2,891 करोड़ रुपये की वृद्धि की गयी. 

iii. नई ई-धरती योजना के तहत भूमि का व्यापक रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा.

iv. राज्य भर में 10 शहरों में इस साल फायर स्टेशनों की स्थापना की जाएगी.

कर रियायतें-
  • उपभोक्ताओं के लिए वैट में कर रियायतों की घोषणा की गयी. ये साइकल और साइकल के पुर्जों, झाडू, ब्रश और वाइपर से वैट हटाया गया.
  • ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं के साथ स्थानीय खुदरा विक्रेताओं की प्रतिस्पर्धा हेतु मोबाइल फोन पर वैट 5% से 14% से कम किया गया.
  • राज्य के इस्पात उद्योग को बड़ी कर राहत के तहत मुख्यमंत्री ने लौह अयस्क, पिग आयरन, स्पंज आयरन, लौह अयस्क छर्रों, सिल्लियां, और फेरो मिश्र धातु पर वैट की दरों में 2% से 5% की कटौती की घोषणा की.
  • इडली, डोसा, पनीर, पोहा सस्ता करने की घोषणा की गई.
  • घी और खोवा पर वैट खत्म कर दिया गया है.

राजकोषीय अनुशासन

वित्त वर्ष 2016-17 के बजट में राजस्व अधिशेष और वितीय घाटा 2.88 प्रतिशत निर्धारित रखा है, जो कि एफआरबीएम द्वारा निर्धारित सकल घरेलु उत्पाद के ३ प्रतिशत सीमा के अंदर है.

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