सोंगक्रन फेस्टिवल : थाई नव वर्ष के उपलक्ष्य पर मनाया जाने वाला विश्व का सबसे बड़ा वॉटर फेस्टिवल
सोंगक्रन फेस्टिवल मार्च 2016 के तीसरे सप्ताह में चर्चा में रहा इसे विश्व के विशालतम वॉटर फाइट फेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है. यह उस समय चर्चा में आया जब बैंकॉक मेट्रोपोलिटन प्रशासन ने अप्रैल 2016 में फेस्टिवल के दौरान कर्फ्यू लगाये जाने की घोषणा की.
सोंगक्रन फेस्टिवल थाईलैंड में 13 से 15 अप्रैल तक नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है. “सोंगक्रन” शब्द संस्कृत भाषा के संक्रांति शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है “ज्योतिषीय अवधि” अथवा समय का बदलना.
ज्योतिषीय चार्ट के अनुसार इस दौरान मेष राशि का उदय होता है, यह नव वर्ष दक्षिण एवं दक्सिंह पूर्व एशिया के विभिन्न कैलेंडरों से मेल खाता है. इस उत्सव को बौद्ध / हिंदू सौर कैलेंडर के अनुरूप निर्धारित किया जाता है.
सोंगक्रन फेस्टिवल मार्च 2016 के तीसरे सप्ताह में चर्चा में रहा इसे विश्व के विशालतम वॉटर फाइट फेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है. यह उस समय चर्चा में आया जब बैंकॉक मेट्रोपोलिटन प्रशासन ने अप्रैल 2016 में फेस्टिवल के दौरान कर्फ्यू लगाये जाने की घोषणा की.
सोंगक्रन फेस्टिवल थाईलैंड में 13 से 15 अप्रैल तक नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है. “सोंगक्रन” शब्द संस्कृत भाषा के संक्रांति शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है “ज्योतिषीय अवधि” अथवा समय का बदलना.
ज्योतिषीय चार्ट के अनुसार इस दौरान मेष राशि का उदय होता है, यह नव वर्ष दक्षिण एवं दक्सिंह पूर्व एशिया के विभिन्न कैलेंडरों से मेल खाता है. इस उत्सव को बौद्ध / हिंदू सौर कैलेंडर के अनुरूप निर्धारित किया जाता है.
कर्फ्यू क्यों
• कर्फ्यू सूखे से प्रभावित किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लगाया गया. इसके अतिरिक्त प्रशासन ने उत्सव के आयोजन को चार दिन से घटाकर तीन दिन कर दिया.
• थाईलैंड पिछले दो दशकों से पानी की भीषण कमी से जूझ रहा है. यहां के 76 में से 14 प्रांत सूखे की चपेट में हैं एवं कृषि को भी काफी नुकसान हुआ है.
• थाईलैंड में मार्च से मई तक अधिकतर सूखा रहता है एवं इस समय अधिकतर इलाकों में कृषि प्रभावित होती है.
• कर्फ्यू सूखे से प्रभावित किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लगाया गया. इसके अतिरिक्त प्रशासन ने उत्सव के आयोजन को चार दिन से घटाकर तीन दिन कर दिया.
• थाईलैंड पिछले दो दशकों से पानी की भीषण कमी से जूझ रहा है. यहां के 76 में से 14 प्रांत सूखे की चपेट में हैं एवं कृषि को भी काफी नुकसान हुआ है.
• थाईलैंड में मार्च से मई तक अधिकतर सूखा रहता है एवं इस समय अधिकतर इलाकों में कृषि प्रभावित होती है.
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